-होटल के कमरे में हो रहा था पैसों का लेन-देन
– भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने दर्ज की एफआईआर
– गिरफ्तारी के लिए हाई कोर्ट से मांगी गई अनुमति
सुनील ओसवाल / मुंबई
देश की न्यायपालिका में भ्रष्टाचार होने की बातें समय-समय पर सुनने को मिलती रहती हैं। कल सातारा में इस तरह के एक भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। वहां पर जज साहेब खुद ही कानूनी शिकंजे में फंस गए हैं। जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनंजय निकम के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रिश्वतखोरी के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने अब जज साहेब की गिरफ्तारी के लिए हाई कोर्ट से अनुमति मांगी है।
मिली जानकारी के अनुसार, एक केस में आरोपी को जमानत के लिए बिचौलियों के द्वारा जज साहेब ने पांच लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। इसके बाद एक होटल में जब दो लोग रिश्वत की रकम लेने आए तभी वहां पर एसीबी की टीम ने छापा मारा। यह देखकर दोनों लोग पैसे वहीं छोड़कर वहां से भाग गए। इस मामले में जज धनंजय निकम और तीन अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, जज ने जमानत देने के पैâसले के लिए अभियोजक से रिश्वत मांगी थी। मिली जानकारी के अनुसार, जज साहेब को गिरफ्तार करने की अनुमति मांगने के लिए हाई कोर्ट को पत्र भेजा गया है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही जज को गिरफ्तार किया जाएगा।
युवती ने दर्ज कराई थी शिकायत
पुलिस के मुताबिक, पुणे की एक युवती ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में जज समेत चार लोगों पर मामला दर्ज हुआ है। यह घटना ३, ९ और १० दिसंबर को हुई थी। पुलिस ने बताया कि लड़की के पिता ने जिला सत्र न्यायालय में जमानत याचिका दायर की है। इस मामले में बेल देने के लिए जज निकम ने बिचौलियों के माध्यम से पैसे की मांग की थी। पहले तय एमएसईबी कोड में जमानत पर चर्चा हुई थी। साथ ही १० दिसंबर को संदिग्धों ने शिकायतकर्ता लड़की से पांच लाख रुपए लेने की तैयारी दिखाई। सातारा शहर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है और पुलिस आगे की जांच कर रही है।
एक आरोपी को जमानत के लिए बिचौलियों के माध्यम से जज साहेब ने पांच लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। इसके बाद एक होटल में जब दो लोग रिश्वत की रकम लेने आए तभी वहां पर एसीबी की टीम ने छापा मारा।