मुख्यपृष्ठनए समाचारशिव छत्रपति के काम में भी भ्रष्टाचार! ... सिंधुदुर्ग में ढही प्रतिमा

शिव छत्रपति के काम में भी भ्रष्टाचार! … सिंधुदुर्ग में ढही प्रतिमा

-स्थानीय जनता ने लगाया कमीशनखोरी का आरोप
-८ महीने पहले पीएम मोदी ने किया था अनावरण

सामना संवाददाता / मुंबई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ८ महीने पहले सिंधुदुर्ग स्थित किले में जिस ३५ फीट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया था, वह प्रतिमा कल सोमवार की सुबह ढह गई। इस घटना से साफ जाहिर है कि प्रतिमा बनाने में भ्रष्टाचार हुआ है। इस मामले में स्थानीय लोगों का कहना है कि शिव छत्रपति की प्रतिमा बनाने में कमीशन खोरी हुई है, जिससे इसके निर्माण में निकृष्ट मटेरियल का इस्तेमाल किया गया। इसी वजह से इतने कम समय में प्रतिमा ढह गई।

महाराज, आपका अपमान करनेवाले गद्दारों को हम गाड़ेंगे ही! -शिवसेना की गर्जना
इस घटना को लेकर शिवसेना(उद्धव बालासाहेब ठाकरे) आक्रमक हो गई है। शिवसेना ने अपने ट्विटर एकॉउंट से गरजते हुए कहा है कि छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करनेवाले गद्दारों को हम गाड़े बिना नहीं रहेंगे। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) विधायक वैभव नाईक ने भी सरकार की जमकर आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार जिम्मेदारी से बचने की कोशिश नहीं कर सकती।

२०२३ में महाकाल कॉरिडोर भी हो चुका है तबाह
भाजपा की कमीशनखोरी का हाल उज्जैन भी देख चुका है। वहां भी महाकाल कॉरिडोर के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। वहां भी महाकाल कॉरिडोर के उद्घाटन के कुछ महीने बाद ही मामूली तूफान में कॉरिडोर में लगी प्रतिमाएं ध्वस्त हो गर्इं। इसके बाद वहां भी निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया।

क्यों ढही छत्रपति की प्रतिमा?
कारण खोज रहे हैं विशेषज्ञ

यह ‘घाती’ सरकार केवल नए टेंडर जारी करती है, कमीशन स्वीकार करती है और उसी के अनुसार अनुबंध देती है

पिछले साल ४ दिसंबर को नौसेना दिवस समारोह के दौरान बहुत धूमधाम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इस प्रतिमा का अनावरण किया गया था। पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में बारिश हो रही है। इसी बीच कल सोमवार की दोपहर १ बजे के आसपास शिव छत्रपति की प्रतिमा अचानक ढह गई। पुलिस और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने नुकसान का आकलन करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया है। विशेषज्ञ वर्तमान में प्रतिमा ढहने के सटीक कारण की जांच कर रहे हैं। घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों के अनुसार, जिले में हाल ही में खराब मौसम के कारण प्रतिमा गिरने की बात कही जा रही है।
इस बीच, विपक्षी दलों ने राज्य की ‘घाती’ सरकार पर लापरवाही और निकृष्ट निर्माण कार्य का आरोप लगाया है। एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयंत पाटील ने कहा, ‘राज्य सरकार इस घटना के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि उसने उचित देखभाल नहीं की। सरकार ने काम की गुणवत्ता पर बहुत कम ध्यान दिया। इसने केवल एक कार्यक्रम आयोजित करने पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रतिमा का अनावरण करने के लिए आमंत्रित किया गया। यह ‘घाती’ सरकार केवल नए टेंडर जारी करती है, कमीशन स्वीकार करती है और उसी के अनुसार अनुबंध देती है।’

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