सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य के कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे और करुणा शर्मा के बीच पारिवारिक विवाद पर न्यायालय में हुई सुनवाई में कोर्ट ने धनंजय मुंडे को जमकर फटकार लगाते हुए करुणा शर्मा के पक्ष में फैसला सुनाया। बांद्रा कोर्ट ने आदेश दिया है कि धनंजय मुंडे को करुणा शर्मा को हर महीने २ लाख रुपए गुजारा भत्ता देना होगा। इसे धनंजय मुंडे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इस मामले पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष नेता व विधायक आदित्य ठाकरे ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को घेरा है।
उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति मंत्री पद पर है और उस पर इस तरह से कोर्ट द्वारा टिप्पणी की जाती है, यह बहुत चौंकाने वाला है। सरकार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है। लूट मची है। कोर्ट महायुति सरकार के मंत्रियों पर फटकार लगा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री को यह सब सुनाई क्यों नहीं देता है, ऐसा गंभीर सवाल उन्होंने उपस्थित किया।
राज्य सरकार द्वारा शिवभोजन थाली बंद किए जाने और लाडली बहन योजना पर प्रतिबंध लगाने को लेकर आदित्य ठाकरे ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार को इन योजनाओं को रोकने की बजाय भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों पर लगाम लगानी चाहिए। बिना नाम लिए उन्होंने धनंजय मुंडे पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार को भ्रष्टाचारियों पर ब्रेक लगाना चाहिए, न कि गरीबों की मदद करने वाली योजनाओं पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी जन योजना शिवभोजन थाली और लाडली बहन योजना जैसी तमाम योजनाएं अधर में लटकी हैं।
मुंबई में सड़क
घोटाले का आरोप
आदित्य ठाकरे ने मुंबई सड़क घोटाले का भी मुद्दा उठाया और कहा कि वे पहले से ही इस घोटाले की बात कर रहे थे, जिसे अब मनपा आयुक्त ने उजागर कर दिया है। उन्होंने उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि अब तक सिर्फ २६ प्रतिशत ही क्रंक्रीट की सड़कें बनाने का काम पूरा हो पाया है, ऐसा सरकार दावा कर रही है, लेकिन मैं चैलेंज करता हूं कि वे दिखाएं। दो साल बाद भी वास्तव में केवल ५ प्रतिशत से ज्यादा सड़कें भी पूरी नहीं हुई हैं।
`आनंद शिधा’ योजना में भ्रष्टाचार का आरोप
शिवभोजन थाली और `आनंद शिधा’ योजना पर बोलते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि एक लाख करोड़ रुपए के बिल अभी भी बकाया है। ठेकेदारों के बकाए को लेकर सरकार को जवाब देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार राजनीति के लिए आर्थिक अनुशासन का पालन नहीं कर रही है और राज्य की आर्थिक स्थिति डांवांडोल हो रही है। सरकार के प्रिय ठेकेदारों पर बेवजह खर्च किया जा रहा है।
`अडानी टैक्स’ थोपने का फैसला करें रद्द, नहीं तो
मुंबईकरों के गुस्से का होगा विस्फोट!
घातियों के लाडले ठेकेदारों के चंदे के बोझ से दबी मुंबई मनपा अब जल और मल निकासी टैक्स के माध्यम से मुंबईकरों की जेब से पैसा निकालने की कोशिश कर रही है। एक ओर जहां पानी की आपूर्ति और अस्वच्छता की स्थिति बिगड़ी हुई है, वहीं मनपा द्वारा की जा रही टैक्स वसूली अन्यायपूर्ण है। यदि बढ़ा `अडानी टैक्स’ लगाया गया तो मुंबईकरों के गुस्से का विस्फोट होगा। इस तरह की चेतावनी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने कल दी। मीडिया से बातचीत में आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुंबई मनपा में पिछले तीन वर्षों से महापौर और निर्वाचित नगरसेवकों के अभाव में घाती-भाजपा सरकार के आशीर्वाद से मनमाने ढंग से कामकाज चल रहा है। साल २०२२ में महाविकास आघाडी की सरकार रहते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री और शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने ५०० वर्गफीट तक की संपत्तियों का कर माफ कर दिया था। इसमें जल और मल निकासी टैक्स भी माफ किया गया था। लेकिन अब टैक्स लगाकर अडानी के लिए जगह खाली करवाई जाए और चहेते ठेकेदारों के चंदे को देने के लिए मुंबईकरों पर आर्थिक बोझ डालने की मनपा की चाल है। इस बीच पुलों की मरम्मत और नए पुलों के लिए रेलवे को करोड़ों रुपए देने के बावजूद मुंबईकरों की रोजमर्रा की भीड़भाड़ और असुविधा की ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।