– विरोध को डैमेज कंट्रोल में लगे मोदी-शाह
रमेश ठाकुर / नई दिल्ली
भाजपा के अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा, अशांत तूफान ने खलबली मचाई हुई है। केंद्रीय नेतृत्व बैठकों के जरिए बेशक डैमेज कंट्रोल में जुटा हो, लेकिन उनके नेता और घटक दल के लोग प्रधानमंत्री के खिलाफ मुखर होने लगे हैं। लोकसभा चुनाव में बुरे प्रदर्शन के बाद से असंतुष्ट मंत्री और विधायक सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा ही रहे हैं, तो कई बगावत के मूड में हैं। पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता शुभेंदू अधिकारी ने खुलेआम कह दिया कि सबका साथ, सबका विश्वास का नारा बंद करना चाहिए। उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री पर कटाक्ष किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही प्रधानमंत्री का नाम लिए बगैर कह चुके हैं कि अतिआत्मविश्वास के चलते चुनाव हारे हैं, उनका भी इशारा मोदी के टार्गेट 400 पार को लेकर था। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री संजय निषाद, धर्मपाल सिंह, अनुप्रिया पटेल सहित दर्जनभर मंत्रियों-विधायकों ने ब्यूरोक्रेसी हावी होने की शिकायत करते हुए कार्यप्रणाली में सुधार को लेकर आवाज बुलंद की है। ओपी राजभर भी सरकार की नीतियों को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार में शामिल टीडीपी और जेडीयू ने भी आंखें दिखाना शुरू कर दी हैं। उनके नेता चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने अपने राज्यों के लिए विशेष राज्य का दर्जा और स्पेशल पैकेज की मांग करके प्रधानमंत्री के नाक में दम किए हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि एकाध दिनों में भाजपा के भीतर बड़े बदलाव होने हैं। आधा दर्जन से अधिक प्रदेशों के प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने हैं। कई राज्यों की सरकारों का मंत्रिमंडल विस्तार भी दिल्ली के कहने पर किया जाना है।