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महाराष्ट्र की लॉटरी पर संकट! …सरकार की ओर से पाबंदी लाने की तैयारी …लॉटरी विक्रेता सेना ने दी आंदोलन की चेतवानी

सामना संवाददाता / मुंबई
अंध, विकलांग, वृद्ध, महिलाएं और बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने और जुए पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से १९६९ में शुरू की गई महाराष्ट्र राज्य लॉटरी अब संकट में है। राज्य सरकार लॉटरी पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है। इस पैâसले के खिलाफ लॉटरी विक्रेता सेना ने चेतावनी दी है कि अगर लॉटरी पर प्रतिबंध लगाया गया, तो लाखों विक्रेता सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। महाराष्ट्र राज्य लॉटरी पिछले पांच दशकों से विश्वसनीय, पारदर्शी और आदर्श लॉटरी के रूप में जानी जाती है। इस लॉटरी से लाखों लोगों की रोजी-रोटी चलती है। इसे बंद करने की सरकार की योजना से विक्रेताओं में तनाव है।
विक्रेताओं की मांग है कि लॉटरी योजना शुरू रहनी चाहिए। लॉटरी विक्रेता सेना के अध्यक्ष मनोज वारंग ने कहा कि लॉटरी जारी रहेगी, तो लाखों विक्रेताओं का रोजगार बचा रहेगा। अगर इसे बंद किया गया, तो विक्रेता और उनके परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे। उन्होंने सरकार को यह निर्णय न लेने की चेतावनी दी है। लॉटरीविक्रेता सेना ने साफ कहा है कि अगर राज्य सरकार ने प्रतिबंध लगाया, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे और सरकार को इस निर्णय को वापस लेने पर मजबूर करेंगे।

शिवसेनाप्रमुख ने डपटा था
१९९७ में केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र राज्य लॉटरी को बंद करने का प्रस्ताव रखा था। उस समय हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने इस प्रस्ताव का आक्रामक रूप से विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि सरकारी राजस्व से ज्यादा महत्वपूर्ण लाखों विक्रेताओं की रोजी-रोटी है। उन्होंने यह भी एलान किया था कि यदि लॉटरी बंद की गई, तो वे स्वयं सड़कों पर उतरकर विक्रेताओं का नेतृत्व करेंगे। बालासाहेब ठाकरे की इस चुनौती के बाद केंद्र सरकार ने लॉटरी पर प्रतिबंध का पैâसला वापस लिया था।

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