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जल आपूर्ति परियोजनाओं पर संकट! …जलकर विभाग ने कमिश्नर को पानी पर टैरिफ बढ़ाने का भेजा प्रस्ताव

 

सामना संवाददाता / मुंबई
कोरोना काल के दौरान शुरू की गई बड़ी परियोजनाओं को ध्यान में रखते हुए, मुंबई महानगरपालिका आर्थिक संकट से जूझ रही है। मनपा के खस्ताहाल की वजह से भविष्य में लागू होने वाली जल आपूर्ति परियोजनाओं के लिए धन जुटाने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए विभाग ने पानी का टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव सौंपा है। कमिश्नर ने इस प्रस्ताव को परीक्षण के लिए विधि विभाग को भेज दिया है और विधि विभाग की राय मिलने के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। मध्य वैतरणा, उर्धवा वैतरणा, मोदकसागर, तानसा, भातसा, विहार और तुलसी बांधों से हर दिन मुंबईकरों को ३,९५० मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है। इन बांधों से पानी बड़े मुख्य चैनलों से जल प्रबंधन संयंत्र तक पहुंचाया जाता है। इसके बाद पाइप लाइन के नेटवर्क के जरिए मुंबईकरों के घरों तक पानी पहुंचाया जाता है।
महानगरपालिका को जर्जर पानी की पाइप लाइनों की मरम्मत, जल सुरंगों के निर्माण, रख-रखाव, मरम्मत आदि पर काफी धन खर्च करना पड़ता है। यह लागत आंशिक रूप से मुंबईकरों से एकत्र जलकर से पूरी की जाती है।
महानगरपालिका वर्तमान में मुंबईवासियों को ६ रुपए ३६ पैसे प्रति १००० लीटर और मलिन बस्तियों को ५ रुपए २८ पैसे की दर से पानी की आपूर्ति कर रही है। वर्तमान में जलविभाग का खर्च १५ प्रतिशत बढ़ गया है।

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