अजीत पवार को बाहर कर आपस में बांटनी हैं सीटें
सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव को देखते हुए महाराष्ट्र में हलचल तेज हो गई है। महायुति में सीटों के बंटवारे पर चर्चा भी अंतिम चरण में पहुंचने की खबर है। हालांकि, इसके साथ ही यह बात भी सामने आई है कि महायुति में सीटों के बंटवारे की बात ६० से ७० सीटों पर अटकी हुई है। इसी बीच एक खबर की राजनीतिक गलियारे में काफी चर्चा है। अजीत दादा पवार को महायुति से बाहर करने के लिए भाजपा व शिंदे गुट की ओर से चक्रव्यूह रचा जा रहा है। महायुति के भीतर इस कुटिल खेल का मकसद है किसी भी तरह दादा बाहर जाएं ताकि भाजपा व शिंदे गुट के बीच ही सारी सीटें बंट जाएं।
दादा के हिस्से की सीटों पर भाजपा-शिंदे गुट की नजर!
महायुति में भाजपा व शिंदे गुट किसी भी तरह अजीत दादा पवार को महायुति से बाहर करना चाहते हैं। इसका कारण है कि दोनों की नजर दादा के हिस्से की सीटों पर है। वे सीधे-सीधे तो दादा को बाहर नहीं कर सकते इसलिए ऐसी स्थिति पैदा कर देना चाहते हैं कि दादा खुद ही बाहर हो जाएं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नेताओं को लगता है कि अजीत पवार के महायुति छोड़ने पर भाजपा व शिंदे गुट को ज्यादा सीटें मिलेंगी। एक प्रमुख मीडिया हाउस ने दावा किया है कि दादा के खिलाफ एक बड़े खेल की तैयारी चल रही है। हालांकि, इस बारे में कल भाजपा नेता आशीष शेलार ने इस खबर को मनगढ़ंत बताया। सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों में नेताओं की बयानबाजी इस बात का संकेत है कि दादा को लेकर महायुति में माहौल अच्छा नहीं है। हाल ही में शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड और भाजपा सांसद अनिल बोंडे ने जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ऊपर तीव्र आक्षेप किया था तो अजीत दादा ने इस पर काफी नाराजगी दिखाई थी। इसके अलावा भी विभिन्न मुद्दों पर महायुति के भीतर से दादा को लेकर खटपट की खबरें आती रहती हैं। दादा ८० सीटों की मांग पर अड़े हुए हैं, ऐसे में दादा को झेलना भाजपा व शिंदे गुट को भारी पड़ रहा है।