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मेडिकल कॉलेज बनने से जीटी अस्पताल में बढ़ी भीड़ …प्रतिदिन आ रहे लगभग ७०० मरीज

आपातकालीन वॉर्ड में तुरंत किया जा रहा भर्ती
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के सरकारी अस्पताल जीटी के मेडिकल कॉलेज में तब्दील होने के बाद से मरीजों की संख्या में दोगुनी वृद्धि हो गई है। जुलाई २०२४ में अस्पताल में शुरू किए गए आपातकालीन वॉर्ड में पहले ३००-४०० रोगी आते थे, जो अब बढ़कर ६००-७०० प्रतिदिन हो गए हैं। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक यह सब मेडिकल कॉलेज बनने के बाद संभव हो सका है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई के जीटी अस्पताल के आपातकालीन वॉर्ड में भर्ती होने से पहले मरीजों को एक लंबी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता था, जहां मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रारंभिक मूल्यांकन करते थे। उसके बाद डॉक्टर मामले की समीक्षा करते थे। तब कहीं जाकर मरीज भर्ती किए जाते थे। इस बीच इससे अक्सर उपचार में देरी होती थी और इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति रहती थी कि मरीज का इलाज किस विभाग में किया जाए। हालांकि, जीटी अस्पताल के मेडिकल कॉलेज में तब्दील होने के बाद से मरीजों की भर्ती में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है। मौजूदा समय में वॉर्ड में प्रतिदिन लगभग ६००-७०० मरीज भर्ती हो रहे हैं। जीटी अस्पताल व मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जितेंद्र सकपाल ने कहा कि मेडिकल कॉलेज बनने के बाद काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि अब मरीजों को सीधे आपातकालीन वॉर्ड में भेज दिया जाता है, जहां रेजिडेंट डॉक्टरों और इंटर्न की देखरेख में उनका इलाज होता है।
इन मरीजों की भी बढ़ी संख्या
अस्पताल में दुर्घटना पीड़ितों के साथ ही हृदयाघात, सांस लेने में तकलीफ, आघात से होने वाली चोटों और विषाक्तता के मामलों सहित तमाम आपातकालीन मामले आ रहे हैं। जीटी अस्पताल में सड़क दुर्घटना के पीड़ितों, जलने और स्ट्रोक के रोगियों का भी इलाज हो रहा है।

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