मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
पिछले दो दिनों से प्रयागराज महाकुंभ से लौटे श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ से अयोध्या की सारी व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है। एक अनुमान के अनुसार, पिछले 48 घंटे में 25 लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे। भारी भीड़ के चलते सोमवार को दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन को बाहर से आने वाले अयोध्याधाम के सारे रास्ते बंद करने पड़े। प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, गणतंत्र दिवस पर 15 लाख और सोमवार को 10 लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या आ चुके हैं।
रामपथ जहां श्रीराम मंदिर, हनुमानगढ़ी और छोटी देवकाली मंदिर है, वहां पर श्रद्धालुओं का समुद्र उमड़ पड़ा है। रामपथ से जुड़ी गलियाें में भी श्रद्धालुओं का रेला नजर आ रहा है। सोमवार को मेला क्षेत्र में एक महिला और पुरुष अचानक गश खाकर गिर पड़े। पुलिस तत्काल श्रद्धालुओं को लेकर श्रीराम अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मौत का कारण भीड़ में दबाव के चलते हार्ट अटैक से बताया जा रहा है। महिला की पहचान हरियाणा के सोनीपत निवासी विमला (60) के रूप में हुई है, जबकि पुरुष की शिनाख्त नहीं हो पाई है।
श्रीराम अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी वाईपी सिंह ने बताया कि महिला व पुरुष की मौत अस्पताल लाने से पहले ही हो चुकी थी। पुरुष अज्ञात था, महिला की पहचान उसके साथ में आए लोगों के जरिए हुई है। बताया कि अयोध्या में इतनी भीड़ है कि पैरामेडिकल स्टॉफ भी ऑफिस नहीं पहुंच पा रहा है। भीड़ में एंबुलेंस भी नहीं चल पा रही है। भीड़ में बीमार हुए दो श्रद्धालुओं को एंबुलेंस से अस्पताल लाने के लिए 500 मीटर की दूरी तय करने में 45 मिनट लग गए।भारी भीड़ के दबाव के कारण मौत होने का पुलिस ने खंडन कर रही है। एसएसपी राजकरण नय्यर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अयोध्या में दो श्रद्धालुओं की मौत भीड़ के दबाव के चलते नहीं हुई है। महिला श्रद्धालु की मौत ह्रदय गति रुकने से हुई है।
श्रद्धालुओं का रेला उमड़ने से स्थानीय लोगों की भी परेशानी बढ़ गई है। भीड़ के चलते रामपथ जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है। भीड़ का सबसे ज्यादा दबाव हनुमानगढ़ी व रामलला के दरबार में है। सरयू में डुबकी लगाने के बाद राम मंदिर व हनुमानगढ़ी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन-पूजन करने में चार से पांच घंटे लग रहे हैं। हनुमानगढ़ी में डेढ़ किमी लंबी लाइन लगी हुई है। हनुमानगढ़ी में मुख्य प्रवेश द्वार से श्रद्धालुओं को प्रवेश दिए जा रहा है, जबकि निकासी वीआईपी दर्शन मार्ग से की जा रही है।
जिस शुभ मुहूर्त में महाकुंभ लग रहा है वह 144 बाद फिर से हुआ है। इस प्रचार के कारण उत्तर प्रदेश सरकार और महाकुंभ के आयोजकों के पसीने छुड़ा दिए हैं। शुभ मुहूर्त में संगम में स्नान के लिए देश-विदेश के श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है।
प्रयागराज में श्रद्धालुओं को व्यवस्था करने में यूपी सरकार के वरिष्ठ अधिकारी नाकों चना चबा रहे हैं कि अयोध्या में श्रद्धालुओं की बढ़ गई, जिसके चलते दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई। गोरखपुर से बस्ती के रास्ते प्रयागराज व लखनऊ जाने वाली कमर्शियल गाड़ियों को बस्ती से ही मोड़ दिया जा रहा है। महाकुंभ स्पेशल बसों को अयोध्या के पहले बस्ती जिले में छावनी थाना क्षेत्र से कलवारी, आंबेडकरनगर, सुलतानपुर, प्रतापगढ़ के रास्ते प्रयागराज के फाफामऊ अस्थाई बस स्टेशन पर उतार दिया जा रहा है। लखनऊ जाने वाली गाड़ियों को बस्ती के विक्रमजोत से होते हुए कटरा, नवाबगंज से गोंडा के रास्ते लखनऊ भेजा जा रहा है। लखनऊ से अयोध्या की ओर आने वाले रास्ते को बाराबंकी से ही रोक दिया गया, जिन्हें अयोध्या होकर बस्ती गोरखपुर जाना है, उन्हें बाराबंकी से गोंडा-उतरौला होकर मोड़ दिया गया। प्रयागराज महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं का बहुत बड़ा वर्ग अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ पड़ा है।
जिसके चलते लगातार अयोध्या की व्यवस्था ध्वस्त हो जा रही है। पहले दक्षिण भारत के श्रद्धालु ज्यादातर काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए उमड़ते थे। पिछले वर्ष जब से अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ है, तब से अधिकांश श्रद्धालुओं की पसंद अयोध्या हो गयी है। यूपी में कमिश्नरेट पुलिस सिस्टम लागू होने के बाद भी अयोध्या जैसा अंतरराष्ट्रीय महत्व का स्थान एसएसपी के भरोसे चल रहा है। हालांकि, अयोध्या जोन का केंद्र होने के कारण वहां आईजी स्तर के अधिकारी रहते हैं, फिर भी सुरक्षा को लेकर सरकार के सामने बड़ी चुनौती है।