सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, २०२४ के पहले ९ महीनों में साइबर अपराध के मामलों में २७ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले चिंताजनक स्थिति दर्शाता है। इस वर्ष कुल ४,०५४ साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए, जिनमें से ९२० मामलों का निपटारा हुआ और ९७० लोगों को गिरफ्तार किया गया। पिछले साल इस दौरान ३,१९१ मामले दर्ज किए गए थे, जबकि इस वर्ष ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में ३८ प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है।
पुलिस ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों को ११ अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया है। इस वर्ष दर्ज २,३४९ मामलों में से सबसे अधिक ८९६ मामले निवेश धोखाधड़ी से संबंधित हैं, जबकि ३८८ मामले नौकरी धोखाधड़ी के हैं। इसके बाद नकली वेबसाइट धोखाधड़ी के ९४, ऑनलाइन खरीदारी धोखाधड़ी के ६३, कस्टम / गिफ्ट धोखाधड़ी के ५५, लोन धोखाधड़ी के ४५, क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के ३५, बीमा / पीएफ धोखाधड़ी के १७, वैवाहिक धोखाधड़ी के ९ और ऑनलाइन प्रवेश धोखाधड़ी के ३ मामले सामने आए हैं। इन मामलों में से केवल २१४ मामलों का समाधान किया जा सका है, जबकि ५१६ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
गौरतलब है कि फिशिंग / मिम अटैक / स्पूफिंग मेल, नौकरी धोखाधड़ी, निवेश धोखाधड़ी, पोर्नोग्राफी, हैकिंग, बीमा / पीएफ धोखाधड़ी, नकली वेबसाइट, वैवाहिक धोखाधड़ी और डेटा चोरी जैसे मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है, जबकि क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी, लोन धोखाधड़ी, अश्लील ईमेल /एसएमएस / एमएमएस, नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल, क्रेडिट /डेबिट कार्ड ऑनलाइन धोखाधड़ी, खरीददारी धोखाधड़ी और सेक्सटॉर्शन जैसे मामलों में कमी दर्ज की गई है।
इस वर्ष जनवरी से सितंबर तक क्रेडिट / डेबिट कार्ड ऑनलाइन धोखाधड़ी के ७४१, अश्लील ईमेल / एसएमएस /एमएमएस / पोस्ट के १७५, नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल / मॉर्फिंग ईमेल / एसएमएस के १०८, फिशिंग / मिम अटैक / स्पूफिंग मेल के ६८, सेक्सटॉर्शन के ३४, हैकिंग के ३३, डेटा चोरी के २१, पोर्नोग्राफी के १४ और सांप्रदायिक पोस्ट के ५ मामले दर्ज किए गए हैं।