सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में महायुति में सीएम पद को लेकर रार मच गई है। महायुति की नई सरकार में अजीत पवार का उपमुख्यमंत्री बनना तय माना जा रहा है, लेकिन सीएम पद को लेकर बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस का नाम आगे होने से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे काफी नाराज हो गए हैं। उन्होंने वर्षा बंगले पर नौटंकी शुरू कर दी है। उधर, फडणवीस का नाम लगभग तय होते देख शिंदे गुट आक्रामक हो गया है। शिंदे गुट ने एकनाथ शिंदे को दोबारा मुख्यमंत्री नहीं चुने जाने के लिए अजीत पवार गुट को दोषी बताया है। शिंदे गुट ने साफ कहा कि अजीत पवार ने हमारी बार्गेनिंग पावर घटाई है। यानी ‘दगेबाज’ का दादा ने नुकसान कर दिया है। शिंदे गुट का कहना है कि हमें जो भी नुकसान हुआ है वह अजीत पवार गुट की वजह से हुआ है।
शिंदे गुट के नेता रामदास कदम ने सीधे तौर पर अजीत पवार पर शिंदे गुट की सौदेबाजी की ताकत कम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एनसीपी गुट के नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन कर रहे हैं। उनके इस संदर्भ में दिए गए बयान की वजह से हमारे हाथ (शिंदे गुट) से मुख्यमंत्री पद जाता दिख रहा है।
रामदास कदम ने आरोप लगाया है कि भाजपा सदस्य चाहते हैं कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनें, जबकि शिंदे गुट चाहता है कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया जाए, लेकिन अजीत पवार ने अब आत्मसमर्पण कर दिया है। उन्होंने फडणवीस के नाम पर समर्थन दिया है, जबकि चुनावी लड़ाई एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ी गई थी। नरेंद्र मोदी, अमित शाह ने एकनाथ शिंदे पर विश्वास किया और इस लड़ाई को लड़ा और बड़ी सफलता हासिल की। अब इस कुलीन वर्ग ने सारा खेल बिगाड़ दिया है।
रामदास के आरोपों पर अमोल मिटकरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चूंकि रामदास कदम एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं इसलिए उनका गुस्सा स्वाभाविक है, लेकिन हमारा जीत का स्ट्राइक रेट अधिक है। ऐसे में आपको हम पर आरोप नहीं लगाना चाहिए। अगर रामदास कदम चाहते हैं कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनें और हमारी वजह से उनकी बार्गेनिंग पावर कम हो गई है तो मुझे लगता है कि चुनाव के बाद यह सबसे बड़ा मजाक है।