सामना संवाददाता / मुंबई
प्रफुल्ल पटेल को प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से अप्रत्याशित तोहफा मिला है। ईडी ने उनकी जब्त संपत्ति मुक्त कर दी इसलिए उन्हें मंत्री पद तो नहीं मिला, लेकिन निजी तोहफा जरूर मिला है। इस तरह का तंज कसते हुए राकांपा (शरदचंद्र पवार) के विधायक रोहित पवार ने यह भी दावा किया है कि अब अजीत पवार गुट को विधानसभा चुनाव कमल के निशान पर लड़ना होगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर पिता ही श्रीकांत शिंदे को काबिल नहीं समझ रहे होंगे, तो हम क्या करेंगे।
मीडिया से बात करते हुए रोहित पवार ने कहा कि यह बात हम सब पहले भी कह रहे थे कि भाजपा अजीत पवार का इस्तेमाल लोकसभा के लिए करने जा रही है। अब जिन लोगों ने शरद पवार का साथ छोड़ा है, उनके पास विधानसभा चुनाव में एक ही विकल्प होगा कि उन्हें घड़ी के बजाय भाजपा के सिंबल पर लड़ना होगा। राज्य में नेता समझाने-बुझाने का ही काम कर सकते हैं, बाकी उनके हाथ में कुछ भी नहीं है, क्योंकि उन्हें दिल्ली को रिपोर्ट करना है। यह कहना प्रफुल्ल पटेल का है। आगे रोहित पवार ने कहा कि अजीत पवार पर जो आरोप लगे हैं, वे वही हैं। सुनील तटकरे पर भी आरोप वैसे ही हैं, लेकिन सिर्फ प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ कार्रवाई रोक दी गई इसलिए शरद पवार का साथ छोड़कर महायुति में शामिल होनेवाले नेताओं में सबसे ज्यादा फायदा प्रफुल्ल पटेल को हुआ है। रोहित पवार ने कहा कि राकांपा अब अजीत पवार के साथ नहीं रहेगी।
इसके अलावा चर्चा है कि सांसद श्रीकांत शिंदे को मंत्री पद नहीं दिया जाएगा। इस संबंध में रोहित पवार ने मुख्यमंत्री पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे का कहना है कि जो सक्षम होंगे उन्हें मंत्री पद मिलेगा।