लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की फजीहत से दादा परेशान हैं। उन्हें लग रहा है कि अगर उस आधार पर उन्हें कम सीटें दी गईं तो विधानसभा चुनाव में उनका बैंड पूरी तरह से बज सकता है, इसलिए उन्होंने महायुति से बाहर जाने का अपना विकल्प खुला रखा है।
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र सरकार इस समय कुछ अजीब से संकट के दौर से गुजर रही है। केंद्र से कभी मुख्यमंत्री तो कभी उपमुख्यमंत्री को फटकार लगा दी जाती है। ताजा मामले में एक बार फिर उपमुख्यमंत्री अजीत दादा पवार निशाने पर रहे। इस बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दादा को दम दे दिया। इससे नाराज दादा, अमित शाह के साथ गणपति बाप्पा का दर्शन करने नहीं गए।
मामले से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पिछले काफी समय से अजीत दादा अपने लिए ज्यादा सीटें मांग रहे हैं और इसके लिए खूब प्रयास कर रहे हैं, पर उनकी मांगें अनसुनी की जा रही हैं। इससे अंदरखाने में कई बार उन्होंने नाराजगी व्यक्त की है। यही नहीं, दादा दबे-छिपे स्वर में अपनी गलती का भी अहसास करा चुके हैं। दरअसल, लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की फजीहत से दादा परेशान हैं। उन्हें लग रहा है कि अगर उस आधार पर उन्हें कम सीटें दी गर्इं तो विधानसभा चुनाव में उनका बैंड पूरी तरह से बज सकता है इसलिए उन्होंने महायुति से बाहर जाने का अपना विकल्प खुला रखा है और उनके बयानों में इसकी झलक देखी जा सकती है। यही कारण है कि हालिया बैठक में अमित शाह ने उन्हें फटकार लगाई है और सार्वजनिक बयानबाजी से बचने की सलाह दी है।
महायुति की बढ़ी मुश्किल
ट्रिपल इंजिन की बैठक में बमचक!
-सर्वे ने भाजपा को किया निराश
अमित शाह टेंशन में हैं। शिंदे गुट और अजीत गुट को अपने साथ लेने का अब उन्हें पछतावा हो रहा है। जानकारों की मानें तो शिंदे और दादा अब भाजपा के गले की वो हड्डी बन चुके हैं, जिसे वह न तो निगल पा रही और न ही उगल पा रही।
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए ट्रिपल इंजिन वाली महायुति सरकार में सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है। शिंदे गुट और अजीत पवार गुट की मांगों को पूरा करने में असमर्थ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ इन दोनों की बैठक का आयोजन किया था, लेकिन इस बैठक में भी जमकर बमचक हुई। सूत्रों की मानें तो शाह ने एकनाथ शिंदे और अजीत पवार को जमकर फटकार लगाई है, साथ ही दोनों को अब सीमित दायरे में रहने के संकेत दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, अमित शाह के रवैए से अजीत दादा को भावनात्मक चोट लगी है। वे शाह की बातों से नाराज बताए जा रहे हैं। यही वजह रही कि वे शाह के साथ लालबाग के राजा के दर्शन में भी नहीं गए।
बता दें कि शाह को पिछले महीने हुए सर्वे ने टेंशन दिया है। इस सर्वे में भाजपा को बड़ा नुकसान होता दिख रहा है। भाजपा, शिंदे गुट और अजीत पवार गुट के बड़बोलेपन को लोगों ने नापसंद किया है। सर्वे में इन तीनों को ७० सीटों तक मिलने की संभावना व्यक्त की गई है, जिससे भाजपा को सत्ता हाथ से निकलती दिख रही है। यही वजह है कि अमित शाह अब टेंशन में हैं। शिंदे गुट और अजीत गुट को अपने साथ लेने का अब उन्हें पछतावा हो रहा है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो अब शिंदे और अजीत पवार भाजपा के गले की वो हड्डी बन चुके हैं, जिसे न तो वह निगल और न ही उगल पा रही है।
सीटों के बंटवारे पर नहीं हुआ फैसला
भाजपा नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय मुंबई दौरे पर थे। अपने मुंबई दौरे के अंतिम दिन अमित शाह ने मुंबई एयरपोर्ट पर महायुति के नेताओं के साथ बैठक की। बैठक में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, भाजपा से देवेंद्र फडणवीस और शिंदे गुट से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में महायुति में सीटों के बंटवारे पर पैâसला नहीं हो पाया। अमित शाह ने सीटों के बंटवारे में सम्मानजनक सीटें देने का वादा इन लोगों से किया है।
महायुति की अगली बैठक दिल्ली में होगी
महायुति में सीट बंटवारे को लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। अमित शाह ने कहा कि इन नेताओं की अगली बैठक दिल्ली में होगी। सूत्रों ने जानकारी दी है कि मुंबई में महायुति के नेताओं की बैठक करीब ४५ मिनट तक चली।
शिंदे पर भी सटकी
इस बैठक में गृहमंत्री की शिंदे पर भी सटकी थी। बैठक में अमित शाह ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की भी खबर ली और ‘घाती’ गुट के नेताओं की निरंकुश प्रवृति पर भी उन्हें खूब खरी खोटी सुनाई।