-इलाज के बजाय मंच पर ले जाने से हुए आहत
सामना संवाददाता / मुंबई
राजनीति में लाभ लेने के लिए राजनेता किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण अब राकांपा (शरदचंद्र पवार) की पार्टी से अलग हुए अजीत पवार ने पेश किया है। वे अपनी बीमार मां को लेकर चुनावी सभा में पहुंच गए। अजीत पवार अपनी बीमार मां का इलाज कराने के बजाए जनता के बीच इमोशन पैदा करने के लिए चुनावी सभा में इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा गंभीर आरोप उनके भाई श्रीनिवास पवार ने अजीत पवार पर लगाया है और अजीत पवार के इस कृत्य पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि उनकी ८७ वर्षीय मां का मुंबई में इलाज चल रहा था, लेकिन वह इलाज रोककर उन्हें बारामती की समापन सभा के लिए लेकर आए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें (अजीत पवार) को मां से इस उम्र में ऐसी उम्मीद नहीं करनी चाहिए थी।
श्रीनिवास ने कहा कि उनकी मां ८७ साल की हैं और उनका मुंबई में इलाज चल रहा था। लेकिन वह इलाज रोककर उन्हें बारामती की सभा में लेकर आए। जब मैंने उनसे पहले मुलाकात की थी तो उन्होंने अजीत पवार ने कहा था कि वह सभा में नहीं जाएंगी। लेकिन अगले ही दिन उन्हें सभा में लाया गया। उम्र बढ़ने के साथ उनकी तकलीफें बढ़ गई हैं और ऐसी स्थिति में चुनावी सभाओं में उनका उपयोग करना उचित नहीं है। श्रीनिवास पवार ने यह भी कहा कि वह अपनी मां से राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने से बचते हैं और उनकी हर बात का सम्मान करते हैं।
जानबूझकर कार्रवाई की गई
श्रीनिवास ने कहा कि हमारे शरयू मोटर्स कार्यालय में पुलिस द्वारा जांच की गई, लेकिन हमें यह नहीं बताया गया कि क्या बरामद हुआ। यह पहली बार है जब मेरे जीवन में ऐसा कुछ हुआ है। उन्होंने कहा कि हम कानून का पालन करते हैं, टैक्स भरते हैं और व्यवसाय को सही तरीके से संचालित करते हैं। हमारे पास हर रिकॉर्ड मौजूद है।