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चाचा के ‘चरणों’ में लौटेंगे ‘दादा’!.. ‘ईडी’ सरकार में खत्म हो सकती है ‘दादागीरी’… चाचा के ‘चरणों’ में लौटेंगे ‘दादा’!

सामना संवाददाता / मुंबई

सत्ता के लालच में अपने चाचा से बगावत करके ‘ईडी’ सरकार में शामिल होनेवाले अजीत दादा पवार की वापसी की अटकलें लगने लगी हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि ‘दादा’ अब अपने चाचा के ‘चरणों’ में लौट सकते हैं। बताया जा रहा है कि सरकार में अपनी उपेक्षा से दादा परेशान हैं। ऐसे में वे अपने कुछ पुराने साथियों से बराबर संपर्क बनाए हुए हैं।
गौरतलब है कि राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं होता। पिछले कुछ महीनों में राजनीतिक गलियारों में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। ऐसे में अब लोगों की नजरें अजीत पवार की ओर लगी हैं। ‘ईडी’ सरकार में अजीत पवार गुट के विधायकों को महत्व नहीं मिलने से उनमें भाजपा नेतृत्व वाली महायुति सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ गई है, जिसके चलते कयास लगाए जा रहे हैं कि दादा अपने चाचा के पास वापस लौट सकते हैं। शनिवार को इसकी संभावना को तब और बल मिला जब पुणे के एक कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस के एक बड़े नेता के बीच मुलाकात हुई।
बंद कमरे में क्या हुआ?
ईडी’ २.० सरकार में अपनी उपेक्षा से नाराज अजीत दादा पवार वापस लौट सकते हैं। हाल ही में राष्ट्रवादी के एक बड़े नेता के साथ दादा की बैठक के बाद इस कयास को बल मिला है। खबर के अनुसार, राष्ट्रवादी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील के साथ दादा की मुलाकात हुई है। पुणे में यह मुलाकात एक बंद कमरे में हुई। दोनों के बीच बंद कमरे में हुई चर्चा के बाद राजनीतिक हलकों में अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं।
इस बारे में पूछे जाने पर उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि वे दोनों एक बैठक के लिए ही एकत्रित हुए थे, लेकिन सूत्रों की मानें तो पवार परिवार के इन दोनों गुटों के बीच की दूरी कम होती हुई नजर आ रही है। भाजपा की फूट डालो राज करो की नीति के तहत महाराष्ट्र की राजनीति में काफी उथल-पुथल देखने को मिली है। राष्ट्रवादी कांग्रेस में फूट पड़ने के बाद अजीत पवार गुट अलग बन गया, लेकिन हाल में हो रही बैठकों, चर्चाओं और कार्यक्रमों में एक मंच पर आने जैसी घटनाओं को देखते हुए दोनों पक्षों के बीच की दूरी कम होती हुई दिखाई दे रही है। भविष्य में ये दोनों पक्ष एक साथ आएंगे, यह भी चर्चा तेज हो गई है। उनके बीच नजदीकियां बढ़ती देख चर्चा सच साबित होने की प्रबल संभावना है।
भुजबल का संकेत
इस बारे में छगन भुजबल ने कहा कि वे पंचांग मंगवाएंगे और अच्छा मुहूर्त देखेंगे। उन्होंने इस सवाल पर मजाकिया लहजे में कहा कि जलगांव में अच्छे ज्योतिषी हैं, समता परिषद के सम्मेलन में उन्होंने राज्य में शक्ति प्रदर्शन करके मंत्रिमंडल में शमिल होने के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया है।

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