सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में महायुति सरकार के मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से अजीत पवार गुट के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल अब भी नाराज हैं। उन्होंने कई मौकों पर अपनी नाराजगी सार्वजनिक रूप से व्यक्त की है। ऐसे में शिर्डी में आयोजित अजीत पवार गुट के अधिवेशन में छगन भुजबल की उपस्थिति को लेकर चर्चा थी। आखिरकार नाराज भुजबल शिर्डी पहुंचे, लेकिन मीडिया से बातचीत के दौरान उनकी नाराजगी छुप नहीं सकी। उन्होंने सीधे तौर पर अजीत पवार को कटघरे में खड़ा किया। दूसरी तरफ बीड के मस्साजोग में संतोष देशमुख की हत्या के मामले में आरोपों के घेरे में आए मंत्री धनंजय मुंडे इस अधिवेशन में नदारद दिखे।
शिर्डी में आयोजित अजीत पवार गुट के अधिवेशन में पहुंचे छगन भुजबल ने अप्रत्यक्ष रूप से अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह पार्टी का शिविर है, किसी एक व्यक्ति का नहीं। इसलिए मैं आया हूं, साथ ही मीडिया को दिए बयान में उन्होंने अजीत पवार का नाम लेने से परहेज किया, जो उनकी नाराजगी का संकेत था।
भुजबल ने यह भी बताया कि सांसद प्रफुल्ल पटेल गुरुवार को आए और प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे ने अधिवेशन में आने का अनुरोध किया। इसलिए मैं आया हूं, लेकिन मैं अधिवेशन में पूरे समय नहीं रुकूंगा। थोड़ी देर रुककर वापस लौट जाऊंगा। इस दौरान छगन भुजबल की नाराजगी पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रफुल्ल पटेल ने कहा यह हमारा आंतरिक मामला है और इसका समाधान किया जाएगा।
धनंजय मुंडे की अनुपस्थिति
इस बीच, धनंजय मुंडे शिर्डी के अधिवेशन में शामिल नहीं हुए। उनके स्वास्थ्य खराब होने का हवाला दिया गया है। इससे पहले प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा था कि भुजबल और मुंडे दोनों अधिवेशन में उपस्थित रहेंगे। महायुति सरकार में मंत्री पद न मिलने से गुट के कुछ वरिष्ठ नेता असंतोष व्यक्त कर रहे हैं। भुजबल और मुंडे जैसे दिग्गज नेताओं की नाराजगी पार्टी के लिए चुनौती बन सकती है। इस अधिवेशन ने महायुति सरकार के भीतर जारी खींचतान और असंतोष को उजागर कर दिया है।