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दादा के बढ़े विधायक …फिर भी सरकार में डिमोशन? …अजीत को मिल सकते हैं ८ मंत्री पद

सामना संवाददाता / मुंबई
सरकार गठन के ९ दिन बाद महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस वैâबिनेट विस्तार आज करने जा रहे हैं। फडणवीस वैâबिनेट में बीजेपी, शिंदे गुट और दादा गुट के अलावा कुछ छोटी पार्टियों के नेताओं को भी जगह मिलने की बात कही जा रही है। वैâबिनेट का फॉर्मूला अभी तक जो सामने आया है, उसमें अजीत पवार को झटका लगता दिख रहा है। वो भी तब, जब विधानसभा के चुनाव में अजीत गुट का स्ट्राइक रेट सबसे बेहतर रहा है।
५ विधायक पर एक मंत्री का फॉर्मूला
वैâबिनेट विस्तार को लेकर जो तस्वीर सामने आई है, उसके मुताबिक ५ विधायक पर एक मंत्री पद दिया जाएगा। इस फॉर्मूले के हिसाब से अजीत पवार को अधिकतम ८ मंत्री पद मिल सकता हैं। वर्तमान में अजीत वैâबिनेट में शामिल हो चुके हैं। जबकि शिंदे सरकार में अजीत के कुल ९ मंत्री थे।
डिप्टी स्पीकर पर भी सस्पेंस बरकरार
पिछली सरकार में अजीत पवार के पास डिप्टी स्पीकर का पद था। अजीत गुट के नरहरि झिरवाल इस पद पर काबिज थे। इस बार डिप्टी स्पीकर का पद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष मांग रही है। शिवसेना का तर्क है कि इसे परंपरा के हिसाब से विपक्ष को दिया जाना चाहिए।
विभाग बंटवारे में भी अजीत का डिमोशन
विभाग बंटवारे में भी अजीत गुट को ज्यादा तरजीह नहीं मिली है। मीडिया में चल रहीr एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त और गृह विभाग बीजेपी अपने पास ही रखेगी। २०२३ में अजीत के आने के बाद वित्त विभाग उन्हें दे दिया गया था। हालांकि, अब अजीत को लोक निर्माण और सार्वजनिक संपत्ति विभाग दिए जाने की बात कही जा रही है। एकनाथ शिंदे को शहरी विकास और राजस्व विभाग मिलने की बात कही जा रही है।
सीटें ज्यादा पर चाचा से वोट कम
अजीत पवार गुट को भले ही सीटें विधानसभा की ४१ मिली हैं, लेकिन उनके वोट चाचा शरद पवार से काफी कम हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक अजीत पवार की पार्टी को ९ प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि शरद पवार की पार्टी ने ११ प्रतिशत वोट हासिल किए हैं। सीटें छोड़ दी जाएं तो वोटों के मामले में शरद पवार अभी भी आगे हैं। हाल ही में उन्होंने इसे मुद्दा भी बनाया था। कहा जा रहा है कि अजीत को इस बार एनडीए के जबर्दस्त वोट मिले है।

 

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