फिरोज खान / मुंबई
मुंबई की लोकल ट्रेनों में सेक्स रैकेट की बात सामने आई है। कुछ दलाल महिलाएं लोकल ट्रेनों में ऐसी लड़कियों की तलाश में रहती हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर हों या रोजगार की तलाश में भटक रही हैं। इन लड़कियों के साथ हमदर्दी जताकर दलाल महिलाएं उन्हें ऐसी जगहों पर पहुंचाती हैं, जहां मसाज पार्लर या ब्यूटी पार्लर की आड़ में देहव्यापार का धंधा चलता है। ये दलाल महिलाएं ज्यादातर सेंट्रल और हार्बर लाइन की लोकल ट्रेनों की महिला डिब्बों में अपने शिकार को ढूंढ़ती नजर आती हैं।
बता दें कि मुंबई में सैकड़ों ऐसे ब्यूटी पार्लर और मसाज पार्लर हैं, जहां पर मसाज की आड़ में देहव्यापार का धंधा चलता है। इन ब्यूटी पार्लर और मसाज पार्लर तक लड़कियों को पहुंचाने का काम कुछ दलाल महिलाएं करती हैं।
परेशान लड़कियों पर रहती हैं दलाल महिलाओं की नजरें!..मौका मिलते ही पहुंचा देती हैं देहव्यापार के धंधे में
लोकल ट्रेनों में सफर करनेवाली परेशान लड़कियों के चेहरे को भांपकर दलाल महिलाएं नजदीकी बढ़ाना शुरू करती हैं। इसके बाद अपनी बातों से अच्छी नौकरी व पैसे का लालच देकर देहव्यापार के धंधे में धकेलने में कामयाब हो जाती हैं। एक पीड़िता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह नौकरी के लिए काफी परेशान थी। वह एक दिन काम की तलाश में ठाणे से सीएसटी जा रही थी। महिला डिब्बे में उसे एक महिला मिली, उसने बातों-बातों में पहचान बना ली और पता लगाया कि वह काम की तलाश में है। महिला दलाल ने उसके साथ हमदर्दी जताते हुए कहा कि वह उसे अच्छा काम दिलवा सकती है। पीड़िता उसकी बातों आ गई और उसके साथ फाउंटेन स्थित एक मसाज पार्लर पहुंची, जहां पर उसे बताया गया कि मसाज की सर्विस देनी होती है, लेकिन धीरे-धीरे उसे अंदर चलनेवाले देहव्यापर से जुड़ने के लिए कहा गया। पीड़िता के मुताबिक, दलाल महिलाओं को एक लड़की पहुंचाने पर १० से १५ हजार रुपए मिल जाते हैं। पीड़िता के मुताबिक सैकड़ों ऐसी लड़कियां हैं, जो इनकी चंगुल में फंस चुकी हैं और अब वे पैसों के लालच में सुरक्षित स्थान समझकर वहां देहव्यापार से जुड़ गई हैं। सबसे अहम बात यह है कि कोई भी लड़की इस मामले में शिकायत दर्ज नहीं करती है, क्योंकि अधिकतर लड़कियां मजबूरी या पैसों के लालच में स्वेच्छा से देहव्यापार से जुड़ जाती हैं।