‘जो मुझे न्याय नहीं दिला सका वो समाज को क्या न्याय दिलाएगा’
सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा के चर्चित सांसद रामदास तडस ने अपनी बहू पूजा तडस पर काफी अत्याचार किया है। अब बहू पूजा अपने ससुर के खिलाफ खुलकर चुनावी मैदान में उतर पड़ी है और कह रही है कि इस पापी को हराकर रहूंगी! रामदास तडस वर्धा से भाजपा के सांसद हैं और इस बार फिर चुनाव लड़ रहे हैं।
रामदास की बहू पूजा का कहना है कि उसके ससुर रामदास ने उसे मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देने के साथ-साथ घर से बाहर भी कर दिया था। सांसद ससुर से त्रस्त होकर आखिरकार बहू ने उन्हें सबक सिखाने का पैâसला किया है। अब रामदास तडस के खिलाफ उनकी बहू पूजा पंकज तडस ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना पर्चा भर दिया है। पूजा ने रामदास तडस परिवार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि तडस परिवार ने उन्हें न सिर्फ मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया, बल्कि निचले स्तर तक जाकर उनकी बदनामी भी की है। नागपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामदास तडस की बहू पूजा तडस ने अपने १७ महीने के बच्चे को गोद में लेकर अपनी वेदना बताई। इस दौरान उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद ने अपने बेटे को बलात्कार के आरोप से बचाने के लिए मुझसे शादी कराई। फिर मुझे एक फ्लैट में ले जाया गया और केवल उपभोग की वस्तु के रूप में इस्तेमाल किया गया। उसी दौरान यह बच्चा पैदा हुआ। बच्चे के जन्म के बाद से तडस परिवार द्वारा मेरे साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और यह बच्चा किसका है? ऐसा संदेह करते हुए वे डीएनए परीक्षण के लिए मुझ पर दबाव बनाने लगे। मैं डीएनए परीक्षण के लिए तैयार हूं, बस मुझे नजरअंदाज न करें।
पूजा तडस ने आगे कहा कि जब मैं उनके घर गई तो उन्होंने मुझे लोहे की रॉड से पीटा। इसका प्रमाण मौजूद है। जिस फ्लैट में मैं रहती थी उसे बेच दिया और अब मैं बेघर हूं। मैं अपने बच्चे को लेकर दर-दर भटक रही हूं। उन्होंने कहा कि रामदास तडस कहते हैं कि लड़के को बेदखल कर दिया गया है। तब पूजा ने सवाल किया कि तो फिर तुमने उसे घर में क्यों रखा और मुझे ही अकेले बाहर क्यों निकाला गया? आप मेरे साथ राजनीति क्यों कर रहे हैं? महिलाओं को ३३ प्रतिशत आरक्षण दिया गया। महिला सशक्तीकरण के लिए काम कर रहे हो तो मुझे न्याय क्यों नहीं मिल रहा? प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि पूरा देश मेरा परिवार है। इसी परिवार के रामदास तडस से मुलाकात के लिए मोदी वर्धा आएंगे। मैं भी आपके परिवार की सदस्य हूं और मुझे न्याय चाहिए, ऐसी मेरी मांग है। मुझे बच्चे के डीएनए टेस्ट के लिए कहा जा रहा है, इसलिए लोग मुझे बुरी नजर से देखते हैं। पूछते हैं कि बच्चे का पिता कौन है? मैं डीएनए टेस्ट के लिए तैयार हूं। मुझे दो वक्त का खाना भी नहीं दिया जाता। बच्चे को आटे में पानी मिलाकर दूध के रूप में पिलाना पड़ता है। मेरी गलती क्या है? जब जनप्रतिनिधि अपनी बहू के साथ ही न्याय नहीं कर सकता तो समाज के साथ क्या न्याय करेगा? इस तरह सवाल उठाते हुए पूजा तडस ने अपनी वेदना व्यक्त की।