असलहा सप्लायर्स ने भी मिलाया लॉरेंस से हाथ
नागमणि पांडेय / मुंबई
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम क्या अब कमजोर होने लगा है? ऐसा सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि दाऊद के गुर्गे अब लॉरेंस गैंग में शामिल होने लगे हैं, जिसका नतीजा यह है कि मुंबई में करीब २२ साल बाद सुनियोजित तरीके से किसी गिरोह द्वारा बाबा सिद्दीकी हत्याकांड को अंजाम दिया गया। इससे पहले वर्ष २००२ में दाऊद इब्राहिम की ‘डी’ कंपनी ने आखिरी बार गोली चलाई थी। ‘डी’ कंपनी के कमजोर होने के बाद अब उत्तर भारतीय गिरोहों का मुंबई पर कब्जा बढ़ने लगा है, इसमें लॉरेंस सबसे आगे है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद मुंबई में एक बार फिर ‘गैंग’ के सक्रिय होने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। दाऊद के बाद अब लॉरेंस बिश्नोई गिरोह द्वारा मुंबई पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही हैं, जिसका नतीजा यह है कि सलमान खान, शाहरुख खान सहित कई व्यवसायियों को धमकी दी जा रही है। सिर्फ मुंबई ही नहीं बल्कि दिल्ली में भी बिश्नोई गैंग का आतंक पैâला हुआ है। ऐसे में दाऊद गिरोह के गुर्गे अब बिश्नोई गैग में शामिल होने लगे हैं। बताया जा रहा है कि दाऊद के लिए असलहा सप्लाई करने वाले भी बिश्नोई के साथ जुड़ रहे हैं।
हथियार सप्लाई और इंटरनेशनल कनेक्शन
इस गैंग को हथियारों की सप्लाई मध्य प्रदेश, यूपी, बिहार और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों से होती है। इसके अलावा उन्हें पाकिस्तान, अमेरिका, रूस, कनाडा और नेपाल से भी हथियारों की आपूर्ति होती है। इस बात का भी खुलासा एनआईए की चार्जशीट में किया गया था। यह हथियार सप्लायर्स पहले दाऊद के लिए काम करते थे, लेकिन दाऊद के कमजोर होने का फायदा अब बिश्नोई को हो रहा है।
सोशल मीडिया से की जा रही है भर्ती
हाल ही में लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बरार समेत १६ अपराधियों के खिलाफ यूएपीए के तहत अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई थी। उसमें इस बात का खुलासा किया गया था कि बिश्नोई गैंग के पास ७०० से अधिक शूटर्स हैं, जिनमें से ३०० का संबंध पंजाब से है। बिश्नोई और गोल्डी बरार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब के माध्यम से प्रचार कर नेटवर्क का विस्तार किया। बिश्नोई गैंग ने २०२०-२१ के दौरान फिरौती के जरिए करोड़ों रुपए कमाए, जिसे हवाला के जरिए विदेश भेजा गया। पिछले महीने बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल गुर्गे सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे के संपर्क में आए थे।