सामना संवाददाता / मुंबई
अंत्येष्टि की सामग्री पर १२ प्रतिशत जीएसटी को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष नेता विजय वडेट्टीवार ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इस कमिश्नरेट और कमिशन बाज सरकार को यह भी पता नहीं है कि जीएसटी को कहां लागू किया जाना चाहिए। सरकार ने चरम पार करते हुए अनुष्ठान की हर वस्तु पर १२ प्रतिशत जीएसटी को लगा दिया है। तो अब यह सवाल उठने लगा है कि आम आदमी के जीवन में महंगाई क्या कम थी, जो इस सरकार ने मुर्दों के लिए जीएसटी लगाकर मौत के बाद की समाग्री को भी महंगी कर दी है?
विधानमंडल का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। मानसून सत्र शुरू होन की पूर्व संध्या पर राज्य सरकार की ओर से विपक्ष को चाय-पान समारोह के लिए आमंत्रित किया गया था। लेकिन विपक्ष ने चाय-पान का बहिष्कार करते हुए सरकार पर हमला किया है। महाविकास अघाड़ी के प्रतिनिधिमंडल ने प्रेस कॉन्प्रâेंस कर कहा कि वे राज्य सरकार के चाय-पान का बहिष्कार कर रहे हैं। इस मौके पर विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने राज्य सरकार और महायुति की आलोचना करते हुए कहा कि यह सरकार एक विश्वासघाती सरकार है। देश के प्रधानमंत्री ने उत्पादन लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने की गारंटी का वादा किया। लेकिन असल में ये एक मजाक है जबकि सरकार ने किसी भी कृषि उत्पाद पर डेढ़ गुना गारंटी नहीं दी है। अगर २०२४ में भी सोयाबीन की गारंटी वाली कीमत २०१३ के बराबर ही मिल रही है तो इस महायुति ने किसानों को धोखा देने का काम किया है। वडेट्टीवार ने कहा कि चुनाव में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की करारी हार के बाद उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को गारंटी देने की बात कहेंग, लेकिन मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने किसानों को धोखा दिया।
उन्होंने कहा कि वास्तव में यह भ्रष्ट सरकार किसानों के खाद, बीज, ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों पर १८ प्रतिशत जीएसटी लगाती है, वहीं दूसरी ओर हेलीकॉप्टर की खरीद पर ५ प्रतिशत जीएसटी, हीरे की खरीद पर ३ प्रतिशत जीएसटी, सोने की खरीद पर २ प्रतिशत जीएसटी लगाती है। इसलिए यह सरकार किसानों की पीठ में छुरा घोंपने वाली सरकार है। यह साबित हो गया है कि यह किसानों को कुचलने और बर्बाद करने वाली सरकार है। इस कमिश्नरेट और प्रतिशत सरकार को यह भी पता नहीं है कि जीएसटी कहां लागू किया जाना चाहिए। सरकार ने हर अनुष्ठान सामग्री पर १२ फीसदी जीएसटी को लगा दिया है। अब इस सरकार ने मौत भी महंगी कर दी है? यूरिया की एक बोरी ५० रुपए में मिलती थी। यह अब १५० रुपए में है। साथ ही ५० किलो की यूरिया की बोरी को अब ४० किलो का कर दिया गया है। इसका मतलब है कि महाराष्ट्र के किसान बर्बाद हो जाएं और आत्महत्या कर लें, यह मन इस सरकार ने बनाई है। ऐसा आरोप विजय वडेट्टीवार ने लगाया।
‘हमें चाय का निमंत्रण मिला, लेकिन महायुति सरकार ने इस राज्य को गर्त में डालने का काम किया है। इस राज्य में हम ऐसे गठबंधनों को अशोभनीय गठबंधन के रूप में देख रहे हैं, जिसे अनैतिक गठबंधन कहा जाता है।