-गलत दिशा में दौड़ती गाड़ियां, लाचार नागरिक
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई जैसे महानगर में कुछ बुनियादी व्यवस्थाओं की हालत बद से बदतर होती जा रही है। अंधेरी-कुर्ला रोड और पश्चिम एक्सप्रेस हाईवे का जंक्शन इसका जीता-जागता उदाहरण है, जहां हर दिन हजारों नागरिक अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क पार करते हैं, लेकिन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।
इस व्यस्त चौराहे पर ट्रैफिक नियमों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन होता है। गलत दिशा में गाड़ी चलाना, लेन डिवाइडर और जेब्रा क्रॉसिंग का अभाव, संकीर्ण फुटपाथ और यात्री संकेतों की कमी जैसे कई गंभीर मुद्दे हैं। इन पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
रिपोर्ट की मानें तो स्थानीय लोगों ने बार-बार शिकायतें दर्ज कराई हैं, सुझाव दिए हैं, जैसे कि सिग्नल टाइमिंग में सुधार, लेन डिवाइडर और पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित मार्ग बनाना। पर सारी बातें केवल कागजों में सिमट गई हैं। लोग डर के साये में जी रहे हैं और जिम्मेदार महकमे एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं। प्रशासन का यह रवैया सिर्फ असंवेदनशीलता ही नहीं, बल्कि लापरवाही की चरम सीमा है। ट्रैफिक को संभालने के लिए मौलिक उपाय भी नहीं किए जा रहे, जैसे कि चालान जारी करना, पार्विंâग नियंत्रण या मार्ग का पुनर्निर्धारण। सड़क सुरक्षा केवल योजनाओं और घोषणाओं तक सीमित है। जब तक इन पर जमीनी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक नागरिकों की जान से खिलवाड़ जारी रहेगा।