कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा की गई स्टडी में पाया गया है कि नर मच्छरों को बहरा बनाने से वे मादा मच्छरों से संभोग नहीं कर पाते, जिससे उनकी संख्या कम होती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे मच्छरों से पैâलने वाली बीमारियों जैसे डेंगू, येलो फिवर और जीका वायरस से लड़ने में मदद मिल सकती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, मच्छर हर साल लगभग ४०० मिलियन लोगों को संक्रमित करते हैं।
अपने प्रयोग में शोधकर्ताओं ने एक आनुवंशिक मार्ग को संशोधित किया, जिसका उपयोग नर मच्छर सुनने के लिए करते हैं। परिणाम यह हुआ कि इन आनुवंशिक रूप से संशोधित नरों ने एक ही पिंजरे में तीन दिन रहने के बाद भी मादाओं के साथ कोई शारीरिक संपर्क नहीं बनाया। दरअसल, मादा मच्छर ही मनुष्यों में बीमारियां पैâलाती हैं इसलिए उन्हें प्रजनन करने से रोकने से उनकी आबादी कम करने और रोग फैलने से रोकने में मदद मिल सकती है।
जर्मनी में ओल्डेनबर्ग विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डॉ. जोर्ज अल्बर्ट के मुताबिक, ‘मच्छरों के प्रजनन के लिए सुनना वास्तव में न केवल महत्वपूर्ण है, बल्कि आवश्यक भी है।’ अल्बर्ट के अनुसार, एक और रणनीति की खोज की जा रही है, जिसमें बांझ नरों को उन क्षेत्रों में छोड़ा जा रहा है, जहां मच्छरों से पैâलने वाली बीमारियां फैली हुई हैं। इससे संभावित रूप से रोग फैलाने वाले मच्छरों की कुल संख्या को कम करने में मदद मिल सकती है।