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‘वक्फ’ पर फैसला नहीं आसान … गालीगलौज के बाद फोड़ी बोतल! … जेपीसी की बैठक में जंग

– एक सांसद घायल, लगे टांके
सुप्रीम कोर्ट के वकील और रिटायर जज भी थे मौजूद
सामना संवाददाता / मुंबई
वक्फ बिल को लेकर कल मंगलवार को हुई जेपीसी की बैठक जंग में तब्दील हो गई। वहां काफी गालीगलौज सरीखी अभद्र भाषा का इस्तेमाल हुआ और इस दौरान एक नाराज सांसद ने पटककर बोतल फोड़ डाली, जिससे वे घायल हो गए। उक्त सांसद महोदय को बाद में अस्पताल ले जाया गया जहां उनके हाथ में ४ टांके लगाए गए।
जेपीसी की बैठक से आनेवाली खबरों के अनुसार, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और बीजेपी सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच तीखी नोकझोंक होने के साथ ही दोनों तरफ से संयमित भाषा की मर्यादा टूट गई। उस वक्त वहां सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के साथ ही पूर्व न्यायाधीश भी बैठे हुए थे। बात इतनी बढ़ गई कि कल्याण बनर्जी ने टेबल पर रखी पानी की बोतल फोड़ दी। इससे उनके हाथ में गंभीर चोट लग गई। इसके बाद आप सांसद संजय सिंह और सांसद ओवैसी चोटिल कल्याण बनर्जी को इलाज के लिए लेकर गए, जहां उनके हाथ में ४ टांके लगे। सूत्रों ने बताया कि कल्याण बनर्जी ने अभिजीत गंगोपाध्याय के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। हालांकि, यह भी दावा है कि दोनों तरफ से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया। मीटिंग के दौरान हंगामा करने को लेकर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी को वक्फ पर संसदीय समिति से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल के नेतृत्व में रूल ३७४ के तहत वोटिंग हुई, इसमें कल्याण बनर्जी को सस्पेंड करने को लेकर पक्ष में ९ और विपक्ष में ७ वोट पड़े। सत्ता पक्ष के सदस्य बनर्जी को जेपीसी से ही सस्पेंड करने के पक्ष में थे, लेकिन बातचीत के बाद एक दिन के लिए सस्पेंड करने का फैसला हुआ। अगली बैठक अब २८ और २९ नवंबर को होगी।
सूत्रों का कहना है कि वक्फ बोर्ड की जेपीसी बैठक में जिस समय हंगामा हुआ, तब ओडिशा पर प्रेजेंटेशन चल रहा था। इस दौरान कल्याण बनर्जी बिना बारी के अपनी बात रखना चाहते थे। उनसे पहले ही तीन बार बात की जा चुकी थी और वह प्रेजेंटेशन के दौरान दोबारा मौका पाना चाहते थे। बीजेपी सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय ने इस पर आपत्ति जताई।
बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक पर देश की सियासत गरम है। मोदी सरकार ने ८ अगस्त को लोकसभा में दो विधेयक वक्फ (संशोधन) विधेयक २०२४ और मुसलमान वक्फ (खात्मा) विधेयक २०२४ पेश किए थे। सरकार के मुताबिक, इन विधेयकों का उद्देश्य वक्फ बोर्ड के कामकाज के तौर तरीकों में सुधार लाना और वक्फ संपत्तियों का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करना है। विपक्ष ने कुछ प्रावधानों पर कड़ी आपत्ति जताई। उसके बाद इसे आगे की जांच के लिए संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया है।

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