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भाजपा को करो तड़ीपार तभी मिलेगा न्याय… उद्धव ठाकरे का शिक्षकों से आह्वान

सामना संवाददाता / मुंबई
शिक्षकों के मुद्दे को प्रभावी तरीके से रखने के लिए विधानमंडल में अपने अधिकार के लिए लड़नेवाला व्यक्ति चाहिए। लेकिन केवल विधान परिषद में ही नहीं, बल्कि महानगरपालिका, विधानसभा और लोकसभा से भी भाजपा को तड़ीपार किए बिना शिक्षकों को न्याय नहीं मिलेगा। इस तरह का आह्वान शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल शिक्षकों से किया। उन्होंने कहा कि भाजपा की तड़ीपारी का नोटिस हमने निकाला ही है, अब उस पर शिक्षकों की मुहर लगनी बाकी है।
शिक्षक विधायक कपिल पाटील के शिक्षक भारती संगठन के महासचिव जालिंदर सरोदे समेत कई पदाधिकारी और शिक्षकों ने कल ‘मातोश्री’ निवास स्थान पर उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में शिवसेना में प्रवेश किया। उद्धव ठाकरे ने सभी का पार्टी में स्वागत करते हुए उनका मार्गदर्शन किया। इस दौरान उपस्थित शिक्षकों ने ‘अबकी बार…भाजपा तड़ीपार’ की घोषणा की।
राजनेताओं को सभ्यता का पाठ पढ़ाने की जरूरत
इस दौरान उद्धव ठाकरे ने सभ्यता की रस्सी में बांधे गए मौजूदा राजनेताओं पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इस समय जिस तरीके की राजनीति चल रही है, वह हमारी सभ्यता नहीं है और राजनेताओं को सभ्यता का पाठ पढ़ाने की जरूरत है। शिक्षक मेहनत करके भावी पीढ़ी को तैयार करते हैं, वे यदि ऐसे नाकारे होंगे और सड़े-गले लोगों के हाथ में जानेवाला होगा तो फिर शिक्षक और शिक्षकों का उपयोग क्या है, इस तरह का सवाल भी उन्होंने किया।
महाराष्ट्र को जागरूक भी करना चाहिए
जोड़-तोड़ की राजनीति बहुत चल रही है। विपक्ष से सत्ता पक्ष के पास जानेवाले बहुत से स्वार्थी लोग हैं। लेकिन आज आप सत्ता लाने के लिए शिवसेना में आए हैं, इसका मुझे गर्व है। इन शब्दों में उन्होंने शिवसेना में शामिल हुए शिक्षकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सुजलाम् सुफलाम् होना ही चाहिए। लेकिन उसे जागरूक करने के लिए शिक्षकों का इस्तेमाल करना पड़ेगा। शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की शिवसेना की तरफ से अनदेखी हुई थी। शिक्षकों के मुद्दों को विधानमंडल में कोई भी सही तरीके से नहीं रखता है। उसे प्रभावी तरीके से रखने के लिए अपने हक की आवाज के तौर पर शिवसेना के शिक्षक सेना के ज. मो. अभ्यंकर को विधान परिषद में भेजना है। इस तरह का आह्वान भी उद्धव ठाकरे ने किया।
शिक्षकों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी
इस अवसर पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिक्षकों को शिक्षक का ही काम करना चाहिए। उन्हें चावल चुनने, खिचड़ी वितरण जैसे अन्य किसी काम में नहीं फंसाया जाना चाहिए, अन्यथा वे कब पढ़ाएंगे? शिक्षकों की समस्याओं पर कुछ लोग हाथ-पैर मारते हैं, लेकिन वे आगे कुछ नहीं करते। यह कहते हुए उद्धव ठाकरे ने शिक्षकों के लिए आंदोलन का दिखावा करनेवालों पर तंज कसा। अब शिक्षकों के लिए शिवसेना लड़ेगी और जीतने के बाद उन्हें न्याय दिलाने की जिम्मेदारी मेरी, ऐसा दृढ़ आश्वासन भी उद्धव ठाकरे ने इस दौरान दिया।

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