सामना संवाददाता / मुंबई
उपनगरीय रेलवे और लंबी दूरी की मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए स्वतंत्र मार्ग प्रदान करने के उद्देश्य से मध्य रेलवे पर सीएसएमटी से कुर्ला और पश्चिम रेलवे पर मुंबई सेंट्रल से बोरीवली के बीच ५वीं व ६ठी लेन बनाने का काम पिछले १५ वर्षों से चल रहा है। कछुए की गति से इस महत्वपूर्ण परियोजना का काम होने के कारण परियोजना के खर्च में दोगुनी वृद्धि हो गई है।
मध्य रेलवे पर सीएसएमटी और दादर टर्मिनस से निकलने वाली लंबी दूरी की मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें कुर्ला स्टेशन तक उपनगरीय लोकल ट्रैक पर चलती हैं। इस वजह से मेल-एक्सप्रेस को प्राथमिकता देने की वजह से अक्सर लोकल ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित होती है। कभी-कभी तकनीकी खराबी के कारण लोकल और मेल-एक्सप्रेस दोनों की आवाजाही बाधित होती है, जिससे लाखों यात्रियों को असुविधा होती है।
लागत में हुई वृद्धि
सीएसएमटी से कुर्ला के बीच ५वीं व ६ठी लेन का निर्माण कार्य हाथ में लिया गया। शुरुआत में इस परियोजना की लागत ८९० करोड़ थी, जो अब बढ़कर १,३३७ करोड़ से अधिक हो गई है। इसी प्रकार, पश्चिम रेलवे मार्ग पर भी मुंबई सेंट्रल से बोरीवली के बीच ५वीं व ६ठी लेन का काम चल रहा है। इस परियोजना की लागत ४३० करोड़ थी, जो अब ९१८ करोड़ ५३ लाख तक पहुंच गई है। सांताक्रुज-बोरीवली मार्ग पर ५वीं लेन मौजूद है, लेकिन खार और बांद्रा टर्मिनस के बीच एक छोटा हिस्सा अधूरा है। खार से बोरीवली के बीच छठे रेल मार्ग का निर्माण हो रहा है, जिसमें से खार-गोरेगांव खंड का काम नवंबर २०२३ में पूरा हो चुका है। गोरेगांव-बोरीवली खंड का काम दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। मालाड-बोरीवली स्टेशनों के बीच छठे मार्ग का काम जारी है। ४.७ किलोमीटर लंबी गोरेगांव-कांदिवली पटरी का काम अगस्त तक पूरा करने की योजना है।
२००८ में शुरू हुआ था काम
सीएसएमटी से कुर्ला के बीच ५वीं व ६ठी लेन का निर्माण २००८ में शुरू हुआ था, लेकिन यह काम अभी भी जगह की कमी के कारण रुका हुआ है। वर्तमान में कुर्ला से परेल के बीच ५वीं व ६ठी लेन पर मध्य रेलवे ने जोर दिया है। इसके लिए खतरनाक सायन रोड ओवर ब्रिज को तोड़कर नया पुल बनाया जाएगा। परियोजना में देरी के प्रमुख कारणों में रेल पटरियों के पास अतिक्रमण और भूमि हस्तांतरण में लगने वाला समय शामिल हैं। रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने में वर्षों लग जाते हैं। परियोजनाओं के लिए निजी इमारतों और भूमि का अधिग्रहण अभी भी आवश्यक है। इमारतों और झोपड़पट्टियों के निवासियों का पुनर्वास और वैकल्पिक आवास व्यवस्था का काम मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) करता है।