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लोकतंत्र असली एक दिन

सब कुछ जिंदा है।
उम्मीद भी जगेगी एक दिन उम्मीद बनकर।
और दे देगी आदेश हमारे लोकतंत्र को
जिंदाबाद कहने का।
भटके हुए लोगों के मुंह पर
तमाचा मारते हुए ले आएगी
वह चमकता दिन, जो लिखा गया है
भूमिका में संविधान के।
सुख सुविधा शुकून के साथ
शांति को जोड़ते हुए ले आएगी
वह मौसम वे खुशहाल चेहरे जिंदादिली।
जिसे हम कह सकेंगे लोकतंत्र असली एक दिन ।।
-अन्वेषी

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