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डेंजर जोन में डेंगू के मरीज …सरकार चुनावी मोड में राज्यभर में बढ़ती मौतों से जनता में बढ़ी चिंता

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में एक जनवरी से १४ अक्टूबर के बीच विगत दो वर्षों की तुलना में डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या पहले चिंता का विषय बना हुआ था। अब डेंगूग्रस्त मरीजों के बढ़ते मौत के आंकड़ों ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है।
बता दें कि एक जनवरी से १४ अक्टूबर २०२३ तक प्रदेश में मिले डेंगू के १४,२५१ मरीजों में से ६ मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस दौरान २,३७५ मरीजों में एक की मौत दर्ज की गई। दूसरी तरफ एक जनवरी से १४ अक्टूबर २०२४ के बीच राज्य में डेंगू के १५,०५९ मामले मिले। इनमें २१ मरीजों की मौत हो गई। ऐसे में इस दौरान ७१७ मरीजों में से एक की मौत दर्ज की गई है। राज्य स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष राज्य में डेंगू से होने वाली मौतों में वृद्धि हुई है, जिसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने की है।
मुंबई में सबसे ज्यादा मरीज
एक जनवरी से १४ अक्टूबर २०२४ के बीच राज्य में डेंगू के सबसे ज्यादा ३,९२७ मामले मुंबई में दर्ज हुए हैं। इसके बाद नासिक में १,०५७, कोल्हापुर में ४४१, पुणे में ३२४, कल्याण में ३१४, पनवेल में ३०३, अमरावती में २८८, लातूर में २२५, सांगली-मिरज में २१२, ठाणे में १७३ और छत्रपति संभाजीनगर में ३६ मामले सामने आए हैं। इसी तरह राज्य के ग्रामीण इलाकों में आनेवाले कोल्हापुर में ६४९, पालघर में ४८६, सातारा में ४६८, नागपुर में ४०२, चंद्रपुर में ३६३, रायगढ़ में ३४८, अमरावती में २९८, गढ़चिरौली में १६६, ठाणे ग्रामीण में १५४, वर्धा ११९ और छत्रपति संभाजीनगर में ३२ मरीज मिले।

मरीजों के बढ़ने के हैं ये कारण
इस साल राज्य के कई हिस्सों में लगातार बारिश हुई। हर जगह मच्छरों की संख्या में वृद्धि के कारण डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य कीट रोगों के मामलों की संख्या भी बढ़ गई है। इस बीच स्थानीय निकायों के साथ विभिन्न मनपाओं के स्वास्थ्य विभाग ने हर जगह कीटनाशकों के छिड़काव सहित अन्य उपाय किए। इसके बावजूद बीमारी नियंत्रण में नहीं आ रही है। नागरिकों का आरोप है कि राज्य के कई इलाकों में मरीजों की संख्या ज्यादा है।

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