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सीएम शिंदे के शहर में डेवलपरों का कहर! …डेवलपर्स की धोखाधड़ी के चलते थम गया पुनर्विकास

 निवासियों ने मतदान न करने की दी चेतावनी
सामना संवाददाता / ठाणे
वर्तकनगर में सरगम ​​सोसाइटी बिल्डिंग नंबर १२ का पुनर्विकास रुकने से निवासियों ने चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। निवासियों ने कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और स्थानीय विधायक प्रताप सरनाईक को फटकार लगाने के बावजूद अभी तक स्थानीय लोगों को न्याय नहीं मिला है।
बता दें कि भवन के पुनर्विकास के लिए निविदा प्रक्रिया के माध्यम से एक डेवलपर का चयन किया गया था। वर्ष २०१४ में एक विकास समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। समझौते के मुताबिक, कॉर्पस फंड की पहली किश्त २०१६ में ३ लाख ८ हजार २७ प्रत्येक सदस्य को मिली। इनमें से ५ सदस्यों ने कॉर्पस फंड स्वीकार नहीं किया, क्योंकि डेवलपर के दस्तावेजों से संबंधित मांग पूरी नहीं की गई थी। वर्ष २०१६ में, ठाणे मनपा ने खतरनाक इमारत के रूप में एक नोटिस जारी किया था। डेवलपर ने फोन पर सभी घरों को खाली करने पर मैं आपको किराया देना शुरू करूंगा, ऐसा कहा था।
इस प्रकार २७ किराएदारों ने अपने घर खाली कर दिए, जबकि शेष पांच किराएदारों ने अपना घर खाली नहीं किया। वर्ष २०१७ में ठाणे मनपा ने उक्त इमारत को खतरनाक घोषित कर दिया और शेष पांचों सदस्यों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। जैसे ही इमारत खाली हुई, सभी सदस्य तितर-बितर हो गए और कुछ वर्षों तक ऐसा ही चलता रहा। इसके बाद सभी सदस्यों ने एकजुट होकर डेवलपर को कानूनी नोटिस जारी करने का पैâसला किया। वर्ष २०२० में उक्त नोटिस दिया गया था। इस प्रकार वर्तकनगर के निवासियों को डेवलपर द्वारा धोखा दिया गया है और २०१६ से इस इमारत के निवासी बेघर हो गए हैं। डेवलपर ने घर के किराए के लिए एक भी रुपए का भुगतान नहीं किया है। हालांकि, निवासियों ने चेतावनी दी कि हमें न्याय दिया जाए, अन्यथा वे मतदान का बहिष्कार करेंगे।

मकान खाली नहीं करने पर पांच लोगों पर गिरी थी गाज
इस नोटिस का जवाब देते हुए डेवलपर ने कहा कि पांच सदस्यों द्वारा मकान खाली नहीं करने और इमारत के परिसर में मंदिर के मुद्दे का समाधान नहीं होने के कारण पुनर्विकास रोक दिया गया है। हालांकि, वर्ष २०२० में डेवलपर ने एनओसी जारी करने के लिए ७ करोड़ १२ लाख रुपए की मांग की।

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