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ईडी’ २.० की सरकार की मनमानी के कारण राज्य में बंद हुए विकास प्रोजेक्ट …ठेकेदारों का ८७ हजार करोड़ है बकाया

-सीएम के नागपुर समेत २७ जिले हुए प्रभावित
– बिल्डर्स और डामर आपूर्तिकर्ता संगठन का भी मिला साथ

सामना संवाददाता / मुंबई
‘ईडी’ २.० की मनमानी के चलते पिछले ८ महीनों से ठेकेदारों का ८७ हजार करोड़ रुपए बकाया हो गया है। ऐसे में ठेकेदारों और उनके परिवार पर भूखमरी का संकट छा गया है। ऐसे में राज्य के लाखों ठेकेदारों ने बकायों की अदायगी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन काम बंद हड़ताल शुरू कर दिया है। इसे बिल्डर्स और डामर आपूतिकर्ता संगठन का भी साथ मिल गया है। दूसरी तरफ इससे राज्य में बुनियादी काम ठप पड़ गया है। इतना ही नहीं, सीएम के जिले नागपुर समेत राज्य के २७ जिलों के विकास कार्य प्रभावित हुए हैं।
राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के माध्यम से प्रदेश में बुनिायदी सुविधाओं से जुड़ी परियोजनाओं के हजारों छोटे-बड़े काम चल रहे हैं। लेकिन इन कामों को करनेवाले ठेकेदारों के हजारों करोड़ रुपए के बिल का भुगतान पिछले आठ महीने से सरकार ने नहीं किया है। जुलाई २०२४ से ही सरकार ने यह बकाया किया है, जो बढ़ते ही जा रहा है। सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग, जल जीवन मिशन, ग्राम विकास विभाग, जलसंसाधन विभाग, नगर विकास विभाग आदि विभागों पर ये बकाए हैं। इसे लेकर लगातार फॉलोअप करने के बाद भी ठेकेदारों को उनके हक का पैसा नहीं मिला है।
उत्पीड़न कर रही महायुति सरकार
महाराष्ट्र राज्य ठेकेदार महासंघ (एमएससीए) और राज्य अभियंता संगठन से संबंद्ध चार लाख ठेकेदारों ने बकाए की अदायगी को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया है। आंदोलन में शामिल ठेकेदारों का कहना है कि पहले घाती सरकार ने हमारे हक के पैसों को देने में आनाकानी की। अब नई महायुति सरकार भी सरकार का उत्पीड़न कर रही है।

 

 

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