जय सिंह
१७ जनवरी को मुंबई पुलिस कंट्रोल को सूचना मिली कि गांधीनगर में अवैध रूप से बांग्लादेशी रहते हैं। जोन-४ के एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड ने वडाला के सेक्टर-३ स्थित महात्मा गांधी नगर में छापा मारकर अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेश के ढाका स्थित फरीदपुर के रहनेवाले कलाम मोहम्मद अली शेख नामक युवक को गिरफ्तार किया। देखा जाए तो धारावी, एंटॉप हिल में बांग्लादेशियों की कमी नहीं है।
मुंबई के अति संवेदनशील की श्रेणी में आनेवाले इलाकों में एंटॉप हिल का नाम अछूता नहीं है। इसके अंतर्गत आनेवाले इलाकों लाल मिट्टी, बंगालीपुरा, भारतनगर, काली मिट्टी, महात्मा गांधी नगर, वडाला रेलवे किनारे बसी झोपड़पट्टियों में ९९ प्रतिशत बांग्लादेशी मुसलमानों ने डेरा जमाया है। इस पूरी बस्ती को बंगालीपुरा के नाम से जाना जाता है। इन बांग्लादेशियों के बांग्लादेश स्थित परिजनों के पत्र भी यहां आते रहते हैं। किंतु पुलिस और प्रशासन के उदासीन रवैए के कारण बांग्लादेशी मुसलमानों की संख्या बढ़ती जा रही है। मुंबई की बदहाली में इस बंगालीपुरा का योगदान भी कम नहीं है। कई बड़े नेता, बंगालीपुरा में बांग्लादेशियों की घुसपैठ का भंडाफोड़ कर चुके हैं। मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया और जवेरी बाजार में हुए विस्फोट के बाद पुलिस ने कई बार इन क्षेत्रों में छापा मारकर कई बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है। इन घुसपैठियों ने मनपा और दलालों की मिलीभगत से हिंदुस्थान की नागरिकता के लिए इतने सबूत इकट्ठा कर लिए हैं, जितने एक हिंदुस्थानी नागरिक के पास भी नहीं होंगे। यहां से एक दलाल गिरफ्तार हुआ था, जो केवल अधिक पैसे लेकर इन बांग्लादेशियों के जाली राशन कार्ड बनाता था। भंडाफोड़ होने के बाद इस जगह से आठ हजार जाली राशनकार्ड बरामद किए गए थे। काली मिट्टी, बंगाली पुरा, कोकटी आगार, मक्कावाड़ी, न्यू म्हाडा कॉलोनी, रेलवे लाइन के किनारे बसी झोपड़पट्टी में ९९ प्रतिशत मुसलमानों का समावेश है। यह भी कहा जाता है कि इनमें अधिकतर बांग्लादेशी हैं जिन्होंने अपने फर्जी कागजात तैयार कर लिए हैं।
इन क्षेत्रों से पुलिस ने कई बार घातक हथियार बरामद किए हैं, इसलिए इन क्षेत्रों में पुलिस को अधिक सतर्क होने की आवश्यकता है। इतना ही नहीं, इन सभी क्षेत्रों में दर्जनभर से अधिक अवैध मस्जिदों और मदरसों का निर्माण हो चुका है। मदरसों के नाम पर अधिकतर बंगाली मुसलमानों की आड़ में बांग्लादेशी यहां डेरा जमाए हुए हैं। एंटॉप हिल के संगमनगर, वडाला, शिवड़ी रेलवे लाइन को मुसलमानों का गढ़ माना जाता था, किंतु रेल विभाग द्वारा झोपड़े तोड़े जाने के बाद उन्हें एंटॉप हिल के न्यू म्हाडा कॉलोनी में बसा दिया गया। इस कॉलोनी में भी अवैध मस्जिद का निर्माण किया गया है। घाटकोपर बम विस्फोट के बाद मुंबई बंद का एलान किया था। उस दिन बंगालीपुरा के मुस्लिमों से विवाद हुआ था। ये मुसलमान हजारों नंगी तलवारें लेकर सड़क पर उतर आए थे। आश्चर्य यह है कि इतनी बड़ी मात्रा में इनके पास हथियार कहां से आए, यह पता कर पाने में पुलिस अभी तक असमर्थ है। एंटाप हिल पुलिस स्टेशन के पुराने दस्तावेजों से पता चला है कि तकरीबन पचास को इन क्षेत्रों से तड़ीपार किया गया है, जिसमें मुसलमानों की संख्या अधिक है। वहीं हिंदू संगठन के नेताओं का कहना है कि इन लोगों के संपर्क मुंब्रा, मीरा रोड, बांद्रा, ओशिवरा, काशीमीरा के कई बांग्लादेशियों से है। कुछ लोग बचने के लिए एंटॉप हिल में ही पनाह लेते हैं। १९९२ में हिंदू-मुस्लिम दंगे में सबसे प्रभावित इलाका एंटॉप हिल का बंगालीपुरा, भगत सिंह नगर रहा है।