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धनखड़ का आचरण पद की गरिमा के खिलाफ! …स्कूल के हेडमास्टर की तरह करते हैं बर्ताव

-खड़गे ने लगाई धनखड़ पर आरोपों की झड़ी
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। कांग्रेस की लीडरशिप में टीएमसी, सपा, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) समेत कई दलों ने इसका समर्थन किया है। कल संसद शुरू होते ही विपक्ष ने इस प्रस्ताव को लाने की मांग की, लेकिन हंगामे के चलते कार्यवाही आगे नहीं बढ़ सकी। वहीं अविश्वास प्रस्ताव लाने पर सवाल किया गया तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने धनखड़ पर आरोपों की झड़ी लगा दी।
उन्होंने कहा कि सभापति तो स्कूल के हेडमास्टर की तरह बर्ताव करते हैं और सदन की कार्यवाही में बाधा भी वही पहुंचाते हैं। खड़गे ने आरोप लगाया कि सभापति धनखड़ सदन में सरकार की तारीफ के पुल बांधते हैं और खुद को आरएसएस का एकलव्य बताते हैं। उन्होंने कहा कि उनका यह आचरण पद की गरिमा के खिलाफ है। खड़गे ने यह भी कहा कि सभापति विपक्षी नेताओं को अपमानित करते हैं। विपक्षी नेताओं की ४०-४० साल के अनुभव की बात करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे वरिष्ठ नेताओं को भी सभापति उपदेश देते हैं। खड़गे ने कहा कि उन्होंने कहा कि राज्यसभा में जो भी महत्वपूर्ण विषय उठाए जाते हैं, उन पर सभापति बात नहीं होने देते। विपक्षी नेताओं पर सवाल उठाए जाते हैं। उनकी निष्ठा सत्ताधारी दल और उसके नेताओं के लिए हैं। वह आगे के प्रमोशन के लिए सरकार के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे हैं। राज्यसभा में सबसे ज्यादा हंगामा खुद धनखड़ खड़ा करते हैं। सदन में यदि बाधा आती है तो उसका सबसे बड़ा कारण हमारे सभापति साहब है।

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