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स्थानीय आक्रामकता के बाद धारावी पुनर्विकास भूमिपूजन रद्द!

सामना संवाददाता / मुंबई
धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीपीएल) ने धारावी पुनर्विकास परियोजना का काम शुरू करने के लिए गुरुवार को भूमिपूजन करने का फैसला किया था। हालांकि, भूमि पूजन कार्यक्रम रद्द कर दिया गया क्योंकि धारावी रक्षा आंदोलन ने इसके खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया। धारावी रेस्क्यू मूवमेंट ने भूमि पूजन कार्यक्रम में बाधा डालने की चेतावनी दी थी। धारावीकर बुधवार सुबह से माटुंगा लेबर वैंâप में सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठ गए। इसके बाद डीआरपीपीएल ने आखिरकार गुरुवार का भूमिपूजन कार्यक्रम रद्द कर दिया।
धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए एक सामान्य योजना और बुनियादी ढांचे के लिए दो चरण की योजना तैयार की गई है। हालांकि, इस योजना के लिए अभी राज्य सरकार की मंजूरी नहीं ली गई है। दूसरी ओर धारावी में सर्वेक्षण और पात्रता निर्धारण पूरा नहीं हुआ है। पात्रता निर्धारण मार्च २०२५ में पूरा किया जाएगा, वहीं धारावीकरों की कई मांगें हैं और राज्य सरकार ने अभी तक उन मांगों पर कोई पैâसला नहीं लिया है। इस बीच, धारावीकर आक्रामक हो गए हैं और पूछ रहे हैं कि डीआरपीपीएल ने अचानक धारावी पुनर्विकास का भूमिपूजन वैâसे शुरू कर दिया। जानकारी सामने आ रही थी कि गुरुवार सुबह १० बजे माटुंगा लेब वैंâप स्थित आरपीएफ ग्राउंड में भूमिपूजन का समारोह आयोजित किया गया था। इस संदर्भ में राज्य सरकार या डीआरपीपीएल द्वारा कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई। डीआरपीपीएल इस बारे में मीडिया को भी कोई जानकारी नहीं दे रहा था। धारावी बचाव आंदोलन ने भूमिपूजन समारोह को बाधित करने की धमकी देते हुए बुधवार सुबह एक प्रतीकात्मक उपवास शुरू किया। धारावी बचाव आंदोलन के समन्वयक एडवोकेट राजेंद्र कोर्डे द्वारा चेतावनी दी गई। इस बीच, भूमिपूजन कार्यक्रम रद्द कर दिया गया और धारावी बचाओ आंदोलन ने अपना प्रतीकात्मक उपवास रद्द कर दिया।

स्थानीय सांसद अनिल देसाई ने धारावी बचाओ आंदोलन की प्रतीकात्मक भूख हड़ताल का समर्थन किया। वह भी अनशन स्थल पर मौजूद थे। धारावीकरों के आक्रामक रुख के बाद डीआरपीपीएल पीछे हट गया है। इस दौरान देसाई ने चेतावनी दी कि अगर भविष्य में इस तरह से भूमिपूजन करने की कोशिश की गई तो उसे नाकाम कर दिया जाएगा।

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