-यूटीआई को भी करती है संक्रमित
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई समेत देश के प्रमुख शहरों में खानपान और जीवनशैली में तेजी से बदलाव आया है। इस बदलाव ने लोगों को कई गंभीर बीमारियों का शिकार भी बना दिया है। इसी में से एक साइलेंट किलर माना जानेवाला मधुमेह रोग भी है। यह रोग उस समय और जटिल हो जाता है जब यह किडनी के लिए कई समस्याएं खड़ी कर रहा हो। जानकारों की मानें तो डायबिटीज ने आज किडनी के स्वास्थ्य को इस कदर बिगाड़ दिया है कि गुर्दे की बीमारी से परेशान हर तीन में से एक इसका शिकार है। इसके साथ ही डायबिटीज यूटीआई को भी संक्रमित कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि हिंदुस्थान को मधुमेह की राजधानी के रूप में जाना जाता है। बड़ी संख्या में लोगों को मधुमेह है, जिससे किडनी की समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। मधुमेह का स्तर लीवर, स्ट्रोक और विशेष रूप से गुर्दे को प्रभावित करनेवाली जटिलताओं का कारण बनता है। टाइप १ और टाइप २ मधुमेह तो दोनों ही गुर्दे की विफलता का कारण बनते हैं। किडनी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए रक्त शर्करा के उचित स्तर को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
५० से ६० फीसदी मधुमेह से पीड़ित हैं रोगी
डॉ. गाला ने कहा कि मधुमेह मेलिटस के प्रत्येक तीन में से एक मरीज गुर्दे की बीमारी से पीड़ित है। गुर्दे की गंभीर बीमारी से पीड़ित नए ५०-६० फीसदी मरीज मधुमेह से पीड़ित हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में मधुमेह होने का खतरा बढ़ रहा है। चिकित्सकों की मानें तो मधुमेह आंखों, हृदय, रक्त वाहिकाओं, शरीर में विभिन्न महत्वपूर्ण अंगों को आपूर्ति करने वाली वाहिकाओं और गुर्दे जैसे महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करता है। कई मामलों में किडनी ट्रांसप्लांट का कारण भी बनता है।