सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति सरकार ने ‘एक राज्य, एक यूनिफॉर्म’ योजना शुरू की थी। हालांकि, अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने इस योजना को गठरी में बांध दिया है। इस योजना में यूनिफॉर्म वितरण में देरी, उसकी गुणवत्ता, माप में तालमेल का अभाव नहीं था। इसके अलावा योजना में अनियमितता और भ्रष्टाचार की कई शिकायतें मिली हैं। इस पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने महायुति सरकार और पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर की कड़ी आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि इस योजना में अनियमितता और भ्रष्टाचार हुआ है। तत्कालीन मंत्री दीपक केसरकर ने स्कूली छात्रों के यूनिफॉर्म में भी मलाई खाई है, उसकी जांच होनी चाहिए। इस तरह की मांग भी आदित्य ठाकरे ने की है।
महायुति सरकार ने इस योजना के तहत राज्य के बचत गटों को स्कूली छात्रों के यूनिफॉर्म तैयार करने का जिम्मा दिया था। हालांकि, यूनिफॉर्म की खराब गुणवत्ता और कम माप ने एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया इसलिए अब फडणवीस सरकार ने इस योजना को खत्म कर दिया है। इसको लेकर आदित्य ठाकरे ने महायुति सरकार और दीपक केसरकर पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि एक राज्य, एक यूनिफॉर्म योजना में अनियमितता की शिकायतें मिल रही थीं। राज्य सरकार ने अब उस योजना को स्व्रैâप कर दिया है। इस विभाग के संबंधित मंत्री केसरकर ने इसमें मलाई खाई है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्हें कैबिनेट से बाहर रखने का मतलब यह नहीं है कि वे पाक-साफ हो गए हैं। आदित्य ठाकरे ने यह भी कहा कि लोगों को इस योजना में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी मिलनी चाहिए।
हम नहीं छोड़ेंगे बीड का मुद्दा
आदित्य ठाकरे ने कहा कि यदि स्वच्छ शासन चलाना है तो मुख्यमंत्री को उस मंत्री पर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिसकी हत्या हुई वह भाजपा कार्यकर्ता था। फिर भाजपा कार्यकर्ता काम क्यों करें। साथ ही फसल बीमा के मामले की भी जांच होनी चाहिए। एक पूर्व मंत्री को बाहर रखा गया है। आदित्य ठाकरे ने यह भी साफ किया कि हम बीड का मुद्दा नहीं छोड़ेंगे। एक राज्य, एक यूनिफॉर्म योजना को लेकर शीतकालीन सत्र के दौरान विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने भी यही मुद्दा उठाया था। इसके बाद महायुति सरकार ने बड़ा पैâसला लेते हुए एक बार फिर स्कूल प्रबंधन समिति को छात्रों को यूनिफॉर्म उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी।