सामना संवाददाता / मुंबई
नौ तारीख को शपथ समारोह होने दीजिए। सरकार चलाने में नाकों चने चबाने होंगे। इस तरह का सनसनीखेज तंज कसते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने कहा कि सही मायने में एनडीए कहां हैं, चंद्राबाबू और नीतिश कुमार… दोनों नेता सभी के हैं। आज आपके हैं, कल हमारे होंगे।
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा की स्थिति बहुत ही दयनीय होती हुई दिखाई दे रही है। दूसरी तरफ विरोधी और भी आक्रामकता के साथ एनडीए और भाजपा की खबर ले रहे हैं। इस पर शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत ने हमेशा की तरह अपनी खास शैली में खबर ली। उन्होंने कहा कि सरकार का गठन करने से पहले जेडीयू ने अग्निवीर के खिलाफ आवाज उठाई है। मोदी चुनाव प्रचार में जिन मुद्दों को लाने का वादा कर रहे थे, उन सभी का जेडीयू-टीडीपी विरोध कर रहा है। मोदी तो यहां तक कह रहे थे कि कांग्रेस और हम सत्ता में आए तो मुसलमानों को आरक्षण देंगे। अब चंद्राबाबू ही मुसलमानों के आरक्षण का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में अब आप क्या करोगे? इस तरह का भाजपा को दिक्कतों में लानेवाला सवाल भी उन्होंने खड़ा किया। ऐसे कई मुद्दे हैं, जिस पर एनडीए में चर्चा होना बाकी है। संजय राऊत ने कहा कि मैं बार-बार कहता हूं कि सरकार बनाने का पहला अधिकार इन लोगों का है। मोदी और भाजपा के पास बहुमत नहीं है।
हम सभी ने मिलकर किया बहुमतमुक्त भाजपा
संजय राऊत ने कहा कि मोदी कह रहे थे कि मैं कांग्रेसमुक्त हिंदुस्थान बनाऊंगा, लेकिन हम सभी ने मिलकर बहुमतमुक्त भाजपा कर दिया है। हालांकि, आप सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं तो यह दुर्भाग्य है। शिवसेना के फिर से एनडीए के साथ जाने के सवाल का स्पष्ट तौर पर जवाब देते हुए संजय राऊत ने कहा कि हम महाराष्ट्र और हमारी पार्टी के साथ बेईमानी नहीं करेंगे।
कुछ वोट देते हैं तो कुछ जड़ देते हैं थप्पड़
भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद कंगना रनौत को पड़े थप्पड़ के सवाल का जवाब देते हुए संजय राऊत ने कहा कि कुछ लोग वोट, तो कुछ थप्पड़ जड़ देते हैं। मुझे नहीं पता की सही मायने में क्या हुआ। अगर वह कांस्टेबल कहती है कि उसकी मां आंदोलन में बैठी थी, तो ये सच है और अगर मां किसानों के आंदोलन में हिस्सा ले रही हो और कोई उसके बारे में गलत बोल दे तो लोगों को गुस्सा और चिढ़ तो आएगा ही। लेकिन अगर मोदी कहते हैं कि कानून का राज है इसलिए कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए। लेकिन अगर एक कांस्टेबल ने अपनी मां के लिए कानून अपने हाथ में लिया है, तो भारत माता उसकी मां है और जिस किसान आंदोलन में उसकी मां बैठी थी वह भी भारत माता की बेटी थी। अगर कोई भारत माता का अपमान किया और किसी को गुस्सा आता है तो मुझे लगता है कि हमें इस बारे में सोचना चाहिए।
हमें भी है गुस्सा करने का अधिकार
इस बीच संजय राऊत ने कंगना के प्रति सहानुभूति जताई है। उन्होंने कहा कि कंगना अब सांसद हैं। सांसद पर इस तरह से हाथ नहीं उठाया जाना चाहिए, लेकिन इस देश में किसानों का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों के मन में अब भी गुस्सा है। जैसे मुंबई को कंगना ने पाकिस्तान कहा तब लोग नाराज हो गए। गुस्सा करने का अधिकार सिर्फ आपको ही नहीं हमें भी है।