मुख्यपृष्ठनए समाचारडिजिटल डैशबोर्ड या नाकामी छिपाने की कोशिश!... मुंबई की सड़कों पर १२,०००...

डिजिटल डैशबोर्ड या नाकामी छिपाने की कोशिश!… मुंबई की सड़कों पर १२,००० करोड़ रुपए से तैयार करेगी मनपा

सामना संवाददाता / मुंबई

मुंबई में १२,००० करोड़ रुपए की लागत से ७०३ किमी सड़कों को कंक्रीट करने की परियोजना शुरू हुई है। मनपा अब इस प्रोजेक्ट की निगरानी के लिए एक डिजिटल डैशबोर्ड लॉन्च कर रही है, जिससे सड़क निर्माण की रियल-टाइम अपडेट मिलेगी। अब सवाल यह उठता है कि जब मनपा को अपनी ही परियोजनाओं पर डिजिटल नजर रखनी पड़ रही है तो क्या यह उसकी कार्यशैली पर सवाल नहीं खड़ा करता?
मनपा के अधिकारियों के मुताबिक, यह डैशबोर्ड सड़क निर्माण की प्रगति को ट्रैक करेगा, गड्ढों की निगरानी करेगा और संभावित समस्याओं को पहचानेगा। लेकिन क्या यह उस प्रशासन की नाकामी नहीं दर्शाता, जो अब तक सड़क निर्माण में पारदर्शिता नहीं ला पाया? पहले भी मनपा ने ऑनलाइन पॉटहोल ट्रैकिंग सिस्टम लॉन्च किया था, जो बाद में बंद कर दिया गया। अब नया सिस्टम भी कहीं उसी राह पर न चला जाए।
रिश्वतखोरी और ठेकेदारों की मिलीभगत
मुंबई में सड़कों की हालत किसी से छिपी नहीं है। हर साल करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद सड़कें कुछ ही महीनों में खराब हो जाती हैं। कंक्रीट रोड प्रोजेक्ट के नाम पर जनता को बहलाया जा रहा है, लेकिन असल में यह ठेकेदारों और अधिकारियों की जेब भरने का जरिया बनता दिख रहा है। पहले चरण की ७५ फीसदी और दूसरे चरण की ५० फीसदी सड़कों को जून २०२५ तक पूरा करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन पहले भी कई बार डेडलाइन बढ़ाई जा चुकी है।
जनता को मिलेगा क्या?
रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में पहले ही १,३३३ किमी सड़कें कंक्रीट हो चुकी हैं, फिर भी ट्रैफिक और खराब सड़कों की शिकायतें कम नहीं हुर्इं। अगर इतने बड़े बजट के बावजूद सड़कें समय पर नहीं बनतीं तो यह सवाल उठना लाजमी है कि यह पैसा आखिर जा कहां रहा है? डिजिटल डैशबोर्ड से जनता को जवाब नहीं मिलेगा, बल्कि सही मायने में जवाबदेही तय करनी होगी वरना १२,००० करोड़ रुपए भी किसी गड्ढे में समा जाएगा और मुंबई की सड़कें हमेशा की तरह बदहाल ही रहेंगी।

अन्य समाचार