मुख्यपृष्ठनए समाचारचुनाव खत्म होते ही गायब हो गया ‘मोदी का परिवार'!

चुनाव खत्म होते ही गायब हो गया ‘मोदी का परिवार’!

-कार्यकर्ताओं से खुद पीएम ने की अपील विपक्ष ने कहा, ये भी जुमला साबित हुआ

रमेश ठाकुर / नई दिल्ली

‘मोदी का परिवार’ भी भाजपा और प्रधानमंत्री के लिए चुनावी ‘स्लोगन’ मात्र था, जिसका वास्तविक परिवार से कोई लेना-देना नहीं था। अब ये साबित हो गया है कि मोदी का ये काल्पनिक परिवार सिर्फ चुनाव तक ही सीमित था। मंगलवार शाम खुद प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट लिखकर अपने नेताओं, समर्थकों व कार्यकर्ताओं से सोशल मीडिया पर डीपी के रूप में लिखा ‘मोदी का परिवार’ शब्द को हटाने को कह दिया। विपक्ष ने उनके इस पैâसले को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, भाजपा के लोग चुनावों में फायदा लेने के लिए ‘परिवार’ को भी दांव पर लगा देते हैं। भाजपाई खुद को भगवान से बड़ा बताते हैं और खुद प्रधानमंत्री ने इस बार चुनाव में अपने को स्वयंभू भगवान भी घोषित कर दिया था।
मालूम हो, अब ये जगजाहिर हो गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कही सभी बातें या तो चुनावी होती हैं या फिर कुछ समय बाद जुमलो में तब्दील होती हैं। फिर चाहे देशवासियों से १५-१५ लाख रुपए देने का वादा हो या फिर ‘मैं हूं चौकीदार’ का नारा और अब उनका ‘मोदी का परिवार’ भी चुनावी वैंâपेन साबित हुआ, जिसे हटाने के लिए खुद प्रधानमंत्री ने अपने लोगों से गुजारिश की है। जबकि एक वक्त था जब देशवासी प्रधानमंत्री की कही तमाम बातों को गंभीरता से लेते थे। बीते चुनाव में प्रधानमंत्री ने तमाम ऊल-जुलूल बातें बोलकर अपनी बातों के बजन को कम किया है। भैंस चोरी, मंगलसूत्र, मुर्गा-मछली, मुसलमानों को घुसपैठी जैसे शब्द बोलकर भी वह हल्के पड़े हैं। इन्हीं बातों को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना उन्हें आईना दिखाया है।

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