-घन कचरा विभाग कर रहा है ‘बायलॉज’ में बदलाव की तैयारी
– अमल करने के लिए विभाग के निर्देशानुसार कार्रवाई
अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
मुंबई में कोरोना काल से सोसायटियों में कचरा प्रबंधन और निपटान की प्रक्रिया बंद हो जाने के कारण मनपा का काम बढ़ गया है। इसलिए अब मनपा २०,००० वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाली और रोजाना १०० किलो से अधिक कचरा उत्पन्न करने वाली सोसायटियों की पुन: जांच कर, कचरे के प्रबंधन और निपटान को अनिवार्य करने जा रही है। इस नियम का उल्लंघन करने वाली सोसायटियों से जुर्माना वसूला जाएगा। इसके लिए कानून में आवश्यक संशोधन करने के उद्देश्य से ‘बायलॉज’ में बदलाव की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके अमल से पहले लीगल विभाग की सलाह लेने के लिए संशोधित ‘बायलॉज’ भेजे गए हैं।
मनपा ने २ अक्टूबर, २०१७ से सोसायटियों के लिए कचरे का प्रबंधन करना अनिवार्य कर दिया है। इसमें २०,००० वर्ग मीटर से बड़ी आवासीय सोसायटियों और १०० किलो से अधिक कचरा उत्पन्न करने वाली इमारतों / संस्थानों के लिए गीले कचरे के निपटान का प्रबंधन अनिवार्य किया गया था। लेकिन कोर्ट ने निर्णय दिया कि कचरे के निपटान को सोसायटियों पर अनिवार्य नहीं किया जा सकता है। साथ ही, कोरोना काल में भी सोसाइटियों ने कचरा प्रबंधन पर ध्यान नहीं दिया। इस कारण कचरे की मात्रा बढ़ती जा रही है। इसके समाधान के रूप में पालिका ने अब ‘बायलॉज’ में संशोधन करने की दिशा में तेजी से कार्यवाही शुरू की है। पालिका की अंतिम मंजूरी मिलने के बाद सोसायटियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। कचरा प्रबंधन की जांच के लिए वार्ड स्तर के इंजीनियर और अधिकारियों के माध्यम से कार्यवाही की जाएगी।
‘कचरा कर’ से दस करोड़ का राजस्व
मुंबई में वर्तमान में प्रतिदिन ६,००० से ६,५०० मीट्रिक टन कचरा जमा होता है। घन कचरा विभाग को कचरे के निपटान से कोई राजस्व नहीं प्राप्त होता है। वहीं, मुंबई के पास स्थित ठाणे और विरार मनपा में कचरा उठाने के लिए शुल्क लिया जाता है। इसलिए, कुछ हद तक खर्च की भरपाई के लिए न्यूनतम १०० से २०० रुपये संपत्ति कर के ‘यूजर टैक्स’ में शामिल किए जाएंगे। इससे मनपा को सालाना न्यूनतम दस करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।
मनपा भी करेगी मदद
सोसायटियों को गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग संग्रहित करना होगा। गीले कचरे से खाद बनाने के लिए आवश्यक मदद मनपा द्वारा सोसायटियों को दी जाएगी, जबकि सूखे कचरे का निपटान मनपा द्वारा किया जाएगा।
ऐसे हो रही है कार्रवाई
– मुंबई मनपा अधिनियम १८८८ के अनुसार, स्वच्छता के लिए कचरे को उठाना मनपा का मूलभूत कर्तव्य है। लेकिन अब इसके लिए शुल्क वसूलने के लिए मनपा को ‘बायलॉज’ में बदलाव करना होगा।
– इसके लिए शुल्क लेने वाली ठाणे और वसई विरार मनपा की कार्यपद्धति का अध्ययन किया जा रहा है। यह कार्यवाही अंतिम चरण में है। आयुक्त की मंजूरी के बाद नागरिकों से आपत्तियां और सुझाव मांगे जाएंगे।