पूर्व न्यायाधीश ने बोला जोरदार हमला
सामना संवाददाता / मुंबई
कोकाटे का गोवा में होटल है। वे ३० लाख रुपए महीने कमाते हैं। मैं न्यायाधीश पर कमेंट नहीं करना चाहता, लेकिन फैसला गलत दिया गया है। इस फैसले के खिलाफ हम हाई कोर्ट गए हैं। दो साल से अधिक की सजा होने पर उन्हें विधायक बनने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, यह फालके मैडम ने कहा है। जिन्होंने फैसला दिया, उन न्यायाधीश को सामाजिक कार्य करने चाहिए। वे वेतन लेकर काम क्यों करते हैं? बबन घोलप १६ साल से बाहर हैं। मुंडे को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। क्या न्यायाधीशों पर आरएसएस का दबाव था? वे भी नागपुर के हैं ना। न्यायाधीश ने फैसला पहले से ही टाइप करके लाया था। बाकी के फैसले छह महीने बाद आते हैं। हमें नकल तक देने के लिए वे तैयार नहीं थे। कोर्ट के फैसले से हम सहमत नहीं हैं।
इस तरह का जोरदार हमला कोकाटे के खिलाफ हस्तक्षेप याचिका दायर करने वाले वकील व पूर्व न्यायाधीश सतीश वाणी ने किया है। कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे को नासिक कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी। इसके कारण उनकी विधायकी रद्द होने की चर्चा राजनीतिक हलकों में शुरू हो गई थी। कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी है, जिससे उन पर अयोग्यता की कार्रवाई टल गई है। हालांकि, नासिक जिला व सत्र न्यायालय ने फैसला सुनाते समय जो टिप्पणी की है, वह अब चर्चा में आ गई है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि माणिकराव कोकाटे को सजा दी गई तो उनके विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव फिर से कराने होंगे और जनता का पैसा खर्च होगा। अब इस पर कोकाटे के खिलाफ हस्तक्षेप याचिका दायर करने वाले वकील और पूर्व न्यायाधीश सतीश वाणी ने जोरदार हमला बोला है। सतीश वाणी ने कहा कि यह बुरे लोगों का बुरा खेल है। जल्दबाजी में कोकाटे का फैसला दिया गया है। दूसरों को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया। उनका आपराधिक रिकॉर्ड है। एक तरफ झूठ बोलकर आवास लेते हैं, तो दूसरी तरफ ३० लाख बांटने पड़ते हैं। इसके लिए बंदूक का लाइसेंस मांगा। उन्होंने कहा कि कोकाटे बेशर्म इंसान हैं।
राज्यपाल को भेजेंगे पत्र
एड. वाणी ने कहा कि तड़ीपार रह चुका व्यक्ति देश का गृहमंत्री है। हमारे नासिक के पालक मंत्री का चयन गृहमंत्री तय करते हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। सिंचाई में पानी नहीं आता तो मैं क्या करूं, यह एक व्यक्ति ने कहा। माणिकराव कोकाटे के मामले में अंजलि राठोड़ ने याचिका दायर की है। झुंझार आव्हाड भी याचिका दायर कर रहे हैं। कोकाटे को सजा दी गई है तो उस पर स्टे कैसे लगाया गया? जुर्माना तो भरा ही नहीं है ना? कार्रवाई होनी चाहिए थी। लिली थॉमसन के मामले की तरह क्या राज्यपाल कार्रवाई करेंगे? मैं खुद राज्यपाल को पत्र लिखूंगा।