सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अपनी निडरता और बेबाकी के लिए हमेशा चर्चा में रहते हैं। शुक्रवार को एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कई मुद्दों पर अपना पक्ष भी रखा। इस समय नितिन गडकरी ने मतदाताओं को चुनाव से पहले राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त योजनाओं के देने के बारे में आगाह किया कि लोगों को इस बारे में सोचना चाहिए कि क्या वे दीर्घकालिक लाभ वाली योजनाएं चाहते हैं या अल्पकालिक लाभ वाली योजनाएं।
मीडिया से बातचीत में गडकरी ने कहा कि ऐसी योजनाएं चुनाव के दौरान एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में उभरने के साथ-साथ खतरनाक भी है। लोगों को यह सोचने की जरूरत है कि क्या वे अल्पकालिक लाभ चाहते हैं या दीर्घकालिक लाभ। शॉर्टकट आपको कमजोर बनाते हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सतत विकास के बल पर चुनाव जीता जा सकता है। उन्होंने सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को `मनीऑर्डर’ भेजने के बजाय देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। गडकरी ने कहा कि समस्या यह है कि जब एक पार्टी ने ऐसा करना शुरू किया तो सभी ने ऐसा करना शुरू कर दिया। गडकरी ने बताया कि राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए मुफ्त सुविधाओं की पेशकश का सहारा लिया है, जिसके कारण लोगों ने उस पार्टी को वोट दिया है, जो सबसे अधिक पेशकश करती हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों को पहले अपने मन को बदलने की जरूरत है। यदि राजनीतिक दलों को यह एहसास हो जाए कि ऐसी योजनाओं से चुनाव नहीं जीत सकते, तो वे ऐसा ही करेंगे। गडकरी ने कहा कि हम सभी नागरिकों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों के लिए काम करूंगा जो मुझे वोट देंगे और मैं उनके लिए भी काम करूंगा जो मुझे वोट नहीं देंगे। हाल के विधानसभा चुनावों में `बटेंगे तो कटेंगे’ और `एक है तो सुरक्षित हैं’ जैसे नारों के बारे में पूछे जाने पर गडकरी ने कहा कि उन्होंने प्रचार के दौरान विकास और दीर्घकालिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना पसंद किया।