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उल्हासनगर शहर के लिए श्वान बने बडी़ समस्या…चार हजार श्वानों की होगी नसबंदी

अनिल मिश्रा / उल्हासनगर

उल्हासनगर शहर जो कि एक धार्मिक शहर माना जाता है। श्वान को खिलाना-पिलाना धर्म मानते हुए, साथ ही शहर के बीच में खुले अंनगिनत मांस की दुकानों के सामने श्वानों का झुंड देखा जा सकता है। श्वान के कटने के अलावा हिंसक रूप अपनाने के कारण मनपा को उल्हासनगर के लोगो कीं निंदा झेलनी पडी। जन आक्रोश को देख मनपा को लोकसभा, विधानसभा के चुनाव का हवाला देते हुए बंद श्वान नसबंदी केंद्र शुरू करने पर प्रशासन विवस हुआ है। श्वानों के चलते मनपा के साथ-साथ उल्हासनगर स्थित राज्य सरकार द्वारा संचालित मध्यवर्ती अस्पताल का भी बजट बिगड़ जाता है। इसके लिए मनपा ने श्वानों की नसबंदी करने के लिए कमर कसी है।
उल्हासनगर मनपा की स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मोहिनी धर्मा ने बताया कि उल्हासनगर में किए गए श्वान के सर्वेक्षण से 14 हजार श्वान की जनसंख्या प्राप्त हुई थी l 2023 तक 10 हजार श्वानों की नसबंदी की जा चुकी है। चार हजार श्वान की नसबंदी करना शेष रह गई थी। अब फिर से ठेकेदार की नियुक्ति नवनियुक्त आयुक्त मनीषा आव्हाले का आदेश निकालकर पूरी तरह से श्वानो की नसबंदी करने का इरादा है। अब कुछ महीने में श्वानों का उल्हासनगर से समूल सफाया हो जाएगा। श्वान नसबंदी केंद्र का लोकसभा, विधानसभा की आचार संहिता के कारण करीबन दो वर्ष तक बंद रहा, जो अब शुरू हो गया है। श्वानों की नसबंदी के बाद उल्हासनगर के लोगों का जीवन भय मुक्त हो जाएगा।

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