मुख्यपृष्ठखबरेंडोंबिवली बना गैस चैंबर ... शहर में अवैध केमिकल कंपनियों की भरमार 

डोंबिवली बना गैस चैंबर … शहर में अवैध केमिकल कंपनियों की भरमार 

– हादसों के बाद भी नहीं जाग रहा प्रशासन

सामना संवाददाता / ठाणे
मई महीने में डोंबिवली में स्थित एक केमिकल कंपनी में जोरदार ब्लास्ट हो गया था। इस ब्लास्ट में करीब ९ लोगों की मौतें हो गई थीं और कई लोग घायल हो गए थे। केमिकल कंपनियों में ब्लास्ट का यह कोई पहला मामला नहीं था। इसके पहले भी इस तरह के हादसों में कई लोगों की मौतें हो चुकी हैं। हैरान करनेवाली बात यह है कि बार-बार हो रहे हादसों के बाद भी प्रशासन नहीं जाग रहा है। सूत्रों के अनुसार, शहर में अवैध केमिकल कंपनियों की संख्या में बेतहाशा रूप से वृद्धि हो रही है। आंकड़ों के अनुसार, तीन वर्षों में ऐसी १९ दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें १९ लोगों की जान गई है और सैकड़ों गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
‘सूचना के अधिकार’ के तहत औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा दिए गए चौंकाने वाले आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि डोंबिवली में खतरनाक कंपनियों की संख्या बढ़कर ४६० हो गई है। यानी डोंबिवली शहर ‘गैस चैंबर’ बन गया है और कभी भी बड़ा विस्फोट होने पर पूरा शहर तबाह हो सकता है, ऐसी आशंका लोगों द्वारा जाहिर की गई है।
सामाजिक कार्यकर्ता राजू नलावडे द्वारा आरटीआई में मिली जानकारी अनुसार, औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से दी गई जानकारी में १७१ कंपनियों को बेहद खतरनाक बताया गया है। दिलचस्प बात यह है कि महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी लाल श्रेणी में २८९ प्रदूषण पैâलाने वाली कंपनियों की सूची की घोषणा की है। खुलासा हुआ है कि डोंबिवली एमआईडीसी में करीब ४६० कंपनियां प्रदूषण और सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हैं।
केस दर्ज होने के बावजूद नहीं होता कुछ
डोंबिवली एमआईडीसी में १७ कंपनियों ने सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया है। नागरिकों द्वारा इसके खिलाफ आवाज उठाने के बाद कार्रवाई की गई है और इन सभी फैक्ट्रियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन इसके बाद भी कई फैक्ट्रियों में सुरक्षा के नाम पर लापरवाही बरती जाती है।

खतरनाक कंपनियां का कब होगा स्थानांतरण?
विस्फोट की घटनाओं के बाद सरकार ने खतरनाक पैâक्ट्रियों को स्थानांतरित करने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में सवाल पूछा जा रहा है कि क्या सरकार किसी बड़े हादसे के बाद जागेगी? राजू नलावडे ने आरोप लगाया है कि विस्फोट में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की कोशिश भी नहीं की जा रही है।

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