सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई की बेस्ट बसों से रोजाना कहीं न कहीं हादसे होने की खबरें आ रही हैं। गत सोमवार की रात में हुए कुर्ला बस हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। अब जानकारी सामने आ रही है कि कॉन्ट्रेक्ट पर रखे गए ड्राइवर काफी टेंशन में रहते हैं। उन्हें इस बात का डर सताता रहता है कि पता नहीं, कब किस बात पर उनकी नौकरी चली जाए। टेंशन में बस चलाने के कारण शहर में बस हादसों का खतरा बढ़ता जा रहा है।
बता दें कि कुर्ला बस हादसे में ७ बेकसूर लोग मौत के मुंह में समा गए और ४९ लोग घायल हो गए। कल बुधवार को फिर एक हादसा हुआ।
न वेतन बढ़ने और न बोनस मिलने का ठिकाना!
दिनों-दिन बढ़ रहे बेस्ट बसों के हादसों की एक सबसे बड़ी वजह सामने आई है, वह है बेस्ट कर्मचारियों को कॉन्ट्रेक्ट में धकेल देना। इस कारण न उनके बोनस का ठिकाना है और न ही उनका पर्याप्त रूप से वेतन बढ़ता है। इस कारण कान्ट्रेक्ट पर चलनेवाली नौकरी से बस ड्राइवर काफी तनाव में रहने लगे हैं, जिसके परिणामस्वरूप हादसे होने का अंदेशा जताया जा रहा है। पिछले कुछ सालों से बेस्ट ने अपने कर्मचारियों को कॉन्ट्रेक्ट पर ले लिया है, जिसके खिलाफ कर्मचारी आवाज उठाते नजर आ रहे हैं।
एड. एजाज अहमद ने बताया कि बेस्ट कर्मचारियों को कॉन्ट्रेक्ट पर लिए जाने के बाद से उन्हें जो सुविधाएं मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल रही हैं। वेतन बढ़ोतरी से लेकर बोनस तक के लिए उन्हें तरसना पड़ता है। ऐसे में उनका जीवन तनाव से गुजर रहा है। एड. एजाज अहमद के मुताबिक, तनाव ड्राइवरों के लिए नुकसानदेह साबित होता है, क्योंकि ड्राइवरों पर बसों को सुरक्षित चलाने की बड़ी जिम्मेदारी होती है। पिछले कुछ सालों में हुए बस हादसों पर नजर डालें तो चौंका देनेवाली जानकारी सामने आती है। २०२२-२३ में बेस्ट बसों से ५१ दुर्घटनाएं हुर्इं, जिसमें ८ लोगों की मौत हुई और ३२ घायल हुए। २०२४ में अब तक २० लोग हादसों में मारे गए हैं, जबकि ६० से ज्यादा घायल हुए हैं।