सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले शिंदे- भाजपा सरकार ने शासनादेश (जीआर) जारी करने का रिकॉर्ड स्थापित किया है। शिंदे सरकार ने पिछले चार दिनों में ५७३ सरकारी जीआर जारी किए है। इसके माध्यम से सत्तारूढ़ मंत्रियों और विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों के लिए विभिन्न माध्यमों से लाखों करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। राज्य की घाती सरकार राज्य की जनता और विपक्ष के घात कर रही है।
जल आपूर्ति और स्वच्छता मंत्रालय ने जलगांव जिले में राष्ट्रीय जल आपूर्ति योजना के लिए हजारों करोड़ रुपए के संशोधित बजट को मंजूरी दी है। अगले कुछ दिनों में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसलिए सत्ताधारी दल के मंत्रियों और विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से निधि मुहैया कराने का काम जारी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक दिन में अधिकतम १७७ और कम से कम १०३ जीआर जारी किए गए है। इनमें विभिन्न महामंडलों के अध्यक्षों की नियुक्ति, अधिकारियों के तबादले और अन्य नियुक्तियां की गई हैं। इसके साथ ही सत्ताधारियों की सुविधा के अनुसार, विभागों में पद बढ़ाए गए है। निधि बंटवारे में सबसे अधिक निधि जलगांव को दी गई हैं। जलगांव जल आपूर्ति योजना के संशोधित बजट को मंजूरी देने के लिए एक सरकारी निर्णय जारी किया गया है, जिसमें करोड़ों रुपए की स्वीकृति दी गई है। जलगांव के कम से कम अठारह तालुकाओं की विभिन्न अठारह ग्राम पंचायतों में जल आपूर्ति योजना के लिए लाखों रुपए का फंड दिया गया है। प्रत्येक गांव के लिए ४ करोड़ रुपए से न्यूनतम २८ लाख रुपए तक का संशोधित बजट स्वीकृत किया गया है। इसके अलावा, विभिन्न राजनीतिक नेताओं से जुड़ी सहकारी संस्थाओं आदि के लिए भी करोड़ों रुपए की निधि की मंजूरी दी गई है।