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लाडली बहनों को डबल झटका! …अब महिला किसान सम्मान योजना पर आंच …किसी एक योजना का मिलेगा लाभ

सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव से पहले महायुति सरकार ने लाडली बहनों को खूब लाड-प्यार किया और उनको आकर्षित करने के लिए जी भरके फंड लुटाया। लेकिन अब सत्ता हासिल होने के बाद महायुति सरकार ने लाडली बहनों को झटका देना शुरू कर दिया है। पहले लाडली बहनों के दस्तावेज के लिए स्कूटी के नाम पर उनकी छंटनी करने का काम शुरू किया तो अब खबर है कि महिला किसान महासम्मान निधि को भी रोका जा सकता है। इन दोनों में से महिला को किसी एक योजना का ही लाभ मिलेगा। राज्य के कृषिमंत्री ने इस संदर्भ में बयान देकर लाडली बहनों को डबल झटका दिया है।
कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा है कि लाडली बहन योजना के कारण राज्य के खजाने पर दबाव बढ़ गया है। आर्थिक स्थिति सुधरने के बाद ही किसानों को कर्जमाफी दी जा सकेगी। मंत्री कोकाटे ने कहा कि लाडली बहनों को एक समय में दो योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। कई महिलाएं शेतकरी महासन्मान योजना और लाडली बहन योजना दोनों का लाभ ले रही हैं। उन्हें इनमें से एक योजना का चयन करना होगा और यह निर्णय उन्हें खुद लेना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति फिलहाल इतनी अच्छी नहीं है कि किसानों की कर्जमाफी का निर्णय लिया जा सके।
बता दें कि महायुति नेताओं ने विधानसभा चुनावों में अप्रत्याशित जीत का श्रेय लाडकी बहन योजना को दिया था। चुनाव से पहले इस योजना के तहत बहनों के मानधन में वृद्धि का भी वादा किया गया था, लेकिन इस योजना से सरकारी खजाने पर बढ़ते बोझ के कारण अन्य योजनाओं के लिए पर्याप्त बजट आवंटित नहीं किया जा पा रहा है। विपक्ष सरकार पर लगातार इस मुद्दे को लेकर निशाना साध रहा है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनावों से पहले महायुति ने किसानों को कर्जमाफी देने का वादा किया था, लेकिन अब लाडली बहन योजना का हवाला देकर इसमें देरी की जा रही है।
उधर कैग ने महायुति सरकार को गलत नीतियों पर सवाल उठाया है।
कैग ने कहा है कि सरकार के आय-व्यय में तालमेल नहीं है। राज्य का राजकोषीय घाटा दो लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। पिछली सरकार की कई योजनाओं के कारण यह आर्थिक संकट गहराया है। ऐसे में सरकार के बड़बोलेपन ने किसानों में निराशा और विपक्ष में रोष को बढ़ावा दिया है। अब देखना यह है कि सरकार आर्थिक संकट को वैâसे संभालती है और किसानों की कर्जमाफी के वादे को कब पूरा करती है।

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