-दो दिन पहले नासिक कुंभ की बैठक में नहीं हुए उपस्थित
– शुक्रवार को नासिक में अपने लोगों के साथ की मीटिंग
वसीम अंसारी / मुंबई
महाराष्ट्र में इस समय एक नहीं, बल्कि डबल सीएम एक्टिव हैं। कम से कम सरकार के कामकाज से तो ऐसा ही लग रहा है। असल में सरकार में बढ़ते असंतोष का यह परिणाम है। यह तो सबको पता है कि सीएम फडणवीस की पिछली कुछ वैâबिनेट बैठक में डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे नहीं आए। अब नासिक कुंभ की तैयारी के लिए आयोजित बैठक में भी शिंदे नहीं आए। इसकी बजाय कल शिंदे ने नासिक जाकर वहां अपने लोगों के साथ बैठक की। इससे साफ है कि सरकार काम नहीं कर पा रही है उसकी पंगु जैसी स्थिति हो चुकी है।
दोनों गुटों के साथ बढ़ती कड़वाहट से परेशान
शिकायत लेकर दिल्ली पहुंचे फडणवीस!
महायुति सरकार के भीतर जबरदस्त कड़वाहट दिखाई पड़ रही है। भाजपा और सहयोगी गुटों के बीच फासला बढ़ता जा रहा है, जिससे सरकार काम नहीं कर पा रही है। सत्ता के लालच में पार्टी तोड़ने वालों के सपने चकनाचूर हो चुके हैं। ऐसे में फडणवीस सहयोगी गुटों के खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा लेकर दिल्ली का चक्कर लगा आए। सीएम फडणवीस और डिप्टी सीएम शिंदे के बीच दूरियां लगातार बढ़ रही हैं। नासिक के पालक मंत्री पद को लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है, जिससे दोनों नेताओं के बीच टकराव और गहरा गया है। सूत्रों के मुताबिक, दो दिन पहले फडणवीस ने नासिक में आयोजित होने वाले कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर मुंबई में एक अहम बैठक बुलाई थी। इस बैठक में शिंदे को बुलाया गया था, लेकिन वे शामिल नहीं हुए। इसकी बजाय, उन्होंने मलंगगढ़ में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में शामिल होना ज्यादा जरूरी समझा। कल शुक्रवार को एकनाथ शिंदे नासिक पहुंचे और वहां कुंभ मेले की तैयारियों की समीक्षा की। खास बात यह है कि उन्होंने मंत्रियों द्वारा आयोजित बैठक को छोड़कर नासिक में अपनी अलग बैठक करने को प्राथमिकता दी। नासिक के पालक मंत्री पद को लेकर विवाद अब भी बना हुआ है। ऐसे में भले ही महाराष्ट्र में महायुति सरकार चल रही हो, लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच बढ़ती खाई को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।