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‘डबल इंजिन’ का राज्य के नागरिकों से छल … महाराष्ट्र को नहीं मिला भारत राशन! …केंद्र ने शुरू की थी सस्ते दर पर आटा, चावल, दाल की दुकान

आरटीआई में भाजपा सरकार के भेदभाव का हुआ खुलासा
नागमणि पांडेय / मुंबई
केंद्र सरकार ने ‘भारत ब्रांड’ के तहत नागरिकों को सस्ता राशन देने की घोषणा की थी। इसके तहत बाजार से कम कीमत में आटा, चावल और दाल जैसी प्रमुख खाद्य सामग्री बेचे जाने की बात कही गई थी। लोकसभा चुनाव के पहले काफी धूमधाम से दिल्ली में इसकी दुकान की शुरुआत की गई थी और फिर इसे अन्य राज्यों में भी शुरू किया जाना था। मगर केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर भाजपा की डबल इंजिन वाली सरकार होने के बावजूद महाराष्ट्र के नागरिकों से घात हो गया। महाराष्ट्र को अभी तक ‘भारत राशन’ नहीं मिला है। एक आरटीआई से इस बात का खुलासा हुआ है।


बता दें कि २०२३ में केंद्र सरकार ने खुदरा बाजार में ‘भारत आटा’, ‘भारत दाल’ और ‘भारत चावल’ उत्पाद पेश किए थे। ‘भारत ब्रांड’ उन लोगों को उचित मूल्य पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए लॉन्च किया गया था, जो गरीबी रेखा से नीचे नहीं हैं और जिन्हें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण खाद्य योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे लोगों तक यह अनाज पहुंचाने की योजना थी, लेकिन यह अनाज कई राज्यों तक पहुंचा ही नहीं, जिसमें महाराष्ट्र भी शामिल है। यहां के आम नागरिकों तक यह योजना पहुंच ही नहीं पाई है, जिसके कारण अब नागरिकों द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा जा रहा है कि उनके साथ भाजपा सरकार इस तरह का भेदभाव क्यों कर रही है?

‘भारत ब्रांड’ साबित हुआ जुमला
मोदी सरकार लोगों को
सस्ता अनाज देने में फेल!

देश में महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है। मोदी सरकार इस मोर्चे पर पूरी तरह फेल हो गई है। लोकसभा चुनाव के पहले पब्लिक को सस्ते राशन का लॉलीपॉप दिखाकर केंद्र सरकार ने ‘भारत राशन’ की योजना शुरू की थी। इसके तहत आम नागरिकों को सस्ती दरों पर ‘भारत ब्रांड’ के चावल, आटा , दाल और अन्य खाद्य सामग्री देने की शुरुआत की गई थी। लेकिन यह योजना महाराष्ट्र के लोगों तक पहुंच ही नहीं पाई है।
आरटीआई के माध्यम से मिली जानकारी में राज्य सरकार के तरफ से बताया गया है कि ‘भारत ब्रांड’ के राशन के बारे में केंद्र की तरफ से राज्य सरकार को कोई जानकारी नहीं दी गई है। इसलिए राज्य के किसी भी केंद्र पर इसे वितरित नहीं किया गया है।

३ एजेंसियों की मदद से होती है बिक्री
सरकार ३ एजेंसियों के जरिए इनकी बिक्री करती है। ये हैं नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्वेâटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड), नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ) और केंद्रीय भंडार। सरकार ने कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए पिछले साल नवंबर से ‘भारत आटा’ की खुदरा बिक्री शुरू की, जबकि ‘भारत चावल’ की बिक्री ६ फरवरी से शुरू हुई। राज्य संचालित भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) इन एजेंसियों को खुदरा उद्देश्यों के लिए अनाज उपलब्ध करा रहा है, लेकिन महाराष्ट्र शासन के अन्न, नागरी आपूर्ति विभाग की तरफ से आरटीआई के माध्यम से मांगी गई जानकारी में जवाब दिया गया है कि इस तरह की कोई योजना महाराष्ट्र में लागू ही नहीं है, जिसके कारण सप्लाई नहीं की गई है।

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