सामना संवाददाता / नई दिल्ली
देश में करोड़ों लोग बेरोजगार हैं। मोदी सरकार युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रही है, पर अब तो हद ही हो गई है। सरकार रोजगार देने की बजाय, रोजगार छीनने जा रही है। खबर है कि सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल से १९ हजार कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी।
सरकारी सूत्रों से मिली मिली जानकारी के अनुसार, बीएसएनएल अपने कर्मचारियों की संख्या घटाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कंपनी वीआरएस यानी वॉलेंटियरी रिटायरमेंट स्कीम लाएगी। बताया जाता है कि बीएसएनएल ने कंपनी की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने का पैâसला किया है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी अपना करीब ३५ फीसदी कार्यबल कम करना चाह रही है। बता दें कि यह दूसरी बार होगा जब बीएसएनएल यह योजना ला रही है। कंपनी ने इसके लिए वित्त मंत्रालय से १५,००० करोड़ रुपए की मांग की है। इसका असर १९,००० कर्मचारियों पर पड़ने की आशंका है। वर्तमान में, बीएसएनएल अपने रेवेन्यू का लगभग ३८ फीसदी (७,५०० करोड़ रुपए) कर्मचारियों के वेतन पर खर्च करता है। इस खर्च को घटाकर ५,००० करोड़ रुपए सालाना करने की योजना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद दूरसंचार मंत्रालय इस प्रस्ताव को वैâबिनेट के पास ले जाएगा। हालांकि, बीएसएनएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह योजना अभी आंतरिक चर्चा में है और अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।