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टप-टप टपके पानी! … मंत्रियों की बदहाल जिंदगानी …करोड़ों खर्च करके भी सरकारी बंगलों को टपकने से नहीं रोक पा रहा प्रशासन

३० करोड़ रुपए हाल ही में खर्च किए थे सार्वजनिक निर्माण विभाग ने

सुनील ओसवाल / मुंबई
करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी सरकारी बंगलों को टपकने से प्रशासन नहीं रोक पा रहा है। हाल ही में सार्वजनिक निर्माण विभाग ने करोड़ों रुपए इन बंगलों पर खर्च किए थे। साल की शुरुआत में सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा राज्य की शिंदे सरकार के मंत्रियों के बंगलों पर ३० करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।
उल्लेखनीय है कि मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के बंगले पर ही डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, लेकिन बारिश में उनका सरकारी बंगला टपकने लगा। इस खबर की पुष्टि उन्होंने खुद की। कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंढे ने आरोप लगाया है कि शिंदे सरकार काम करने के बजाय पैसा कमा रही है। राज्य में महायुति सरकार के कई मंत्रियों ने सरकारी बंगले में रहने से पहले बंगले का नवीनीकरण कराया। इसमें राज्य के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार का पर्णकुटी बंगला, विपक्षी नेता विजय वडेट्टीवार के प्रचितीगढ़ स्थित बंगले पर कितना खर्च हुआ है, इसकी जानकारी मुंबई लोक निर्माण विभाग से नहीं मिल पाई है,
लेकिन उनके बंगले पर भी काफी खर्च हुआ है। उनका सरकारी बंगला टपकने लगा है। बताया जाता है कि सरकारी आवास में लीकेज के कारण बाल्टियां और बर्तन लगने शुरू हो गए हैं। कुछ माह पहले प्रचितीगढ़ में सरकारी आवास पर लाखों रुपए खर्च किए गए थे। १७-१८ जुलाई को मुंबई में हुई बारिश के दौरान जब कई मंत्रियों और दूसरे नेताओं के बंगले टपकने लगे तो कहा गया कि कुछ और नेताओं के सरकारी बंगले टपक रहे हैं। सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा मंत्रियों के बंगलों के नवीनीकरण पर खर्च किए गए ३० करोड़ के बाद गुणवत्ता नियंत्रण विभाग जांच कर रहा है, लेकिन यह जांच कब पूरी होगी, इस बारे में मुंबई शहर क्षेत्र विभाग के कार्यकारी अभियंता विद्याधर पाटस्कर ने कहा कि जांच विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले पूरी हो जाएगी।
सवाल यह है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग इन बंगलों पर हर साल कितना खर्च करता है और क्या इस खर्च के बावजूद काम होता है। जब इस बारे में पूछताछ की गई तो फरवरी २०२४ यानी छह से साढ़े छह महीने तक ३० करोड़ खर्च के मामले की जांच अभी भी चल रही है। चर्चा है कि मंत्रियों के बंगलों के नवीनीकरण के नाम पर फर्जी बिल पास किए गए।

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